अहमदाबाद: देश के स्टूडेंट्स (Students) को भविष्य के लिए तैयार करने के मकसद से सरकार एक नई तरह के मॉडल स्कूल स्थापित करने पर विचार कर रही है। इनका नाम पीएम श्री स्कूल (PM Shri School) होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने गुरुवार को गुजरात में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 पर एक सम्मेलन के दौरान ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये स्कूल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होंगे और एनईपी 2020 के लिए एक तरह से प्रयोगशाला होंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूली शिक्षा वह नींव है, जिस पर देश ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था बन सकेगा। हम अपनी नई पीढ़ी को 21वीं सदी के ज्ञान और कौशल से वंचित नहीं कर सकते। भारत को एक ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के लिए अगले 25 साल महत्वपूर्ण हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए हम पीएम श्री स्कूल स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। इसका उद्देश्य छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करना होगा। ये अपने इस मकसद को पूरा करने के लिए हर तरह की सुविधाओं से संपन्न होंगे। उन्होंने पीएम श्री स्कूलों के रूप में एक फ्यूचरिस्टिक बेंचमार्क मॉडल बनाने के लिए सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और पूरे एजुकेशनल इकोसिस्टम से सुझाव और फीडबैक देने के लिए भी कहा।
जुलाई सेशन के लिए JEE Mains के रजिस्ट्रेशन शुरू, यहां करें आवेदन
खबरों के मुताबिक, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सम्मेलन में कहा कि सभी भारतीय भाषाएं राष्ट्रीय भाषाएं हैं। कोई भी भाषा हिंदी या अंग्रेजी से कम नहीं है। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने नई शिक्षा नीति के तहत प्री-स्कूल से सेकेंडरी स्कूल तक 5+3+3+4 अप्रोच अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप इस सम्मेलन में सभी राज्यों के शिक्षा मंत्रियों ने अपने अनुभव और ज्ञान को साझा किया है, जिससे शिक्षा के मौहाल में परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।