नई दिल्ली। सीएसआईआर-राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान ने ‘जिज्ञासा’ कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित ‘आधुनिक प्रयोगशाला तकनीकों’ पर तीन दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन बुधवार को हुआ। इस कार्यशाला में केद्रीय विद्यालय, वायु सेना स्टेशन, बक्शी का तालाब एवं गोमती नगर के छात्र एवं शिक्षक भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को संस्थान में मौजूद आधुनिक प्रयोगशाला तकनीकियों से रूबरू कराते हुए उनमें वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करना है।
सीएसआईआर–एनबीआरआई में ‘आधुनिक प्रयोगशाला तकनीकों’ पर कार्यशाला का आयोजन
उद्घाटन समारोह में जिज्ञासा कार्यक्रम के नोडल वैज्ञानिक डॉ. विवेक श्रीवास्तव ने आये हुए छात्र-छात्राओं एवं शिक्षकों का स्वागत करते हुए कार्यशाला की रूपरेखा प्रस्तुत की। समारोह के मुख्य अतिथि एवं संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. पी ए शिर्के ने सभी प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि कार्यशाला का अधिक से अधिक लाभ उठाते हुए सिखाए जा रहे प्रयोगों एवं तकनीकों को अच्छी तरह से जाने एवं समझें। इस अवसर पर छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. ए के गौनियाल ने कहा की हर विद्यार्थी के पास अपनी छुपी प्रतिभा एवं क्षमता होती हैं, जिसके ज्ञान एवं प्रयोग से वह वांछित लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है।
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नैनोटेक्नोलॉजी के उपयोग से बनने वाले आधुनिक हर्बल उत्पादों के बारे में दी जानकारी
कार्यशाला के पहले दिन में छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने संस्थान की नैनोटेक्नोलॉजी प्रयोगशाला का भ्रमण किया। जहां डॉ. बी. एन सिंह ने नैनोटेक्नोलॉजी के उपयोग से बनने वाले आधुनिक हर्बल उत्पादों के बारे में जानकारी दी। नैनोटेक्नोलॉजी प्रयोगशाला के मौलिक सिद्धांतों एवं कार्यप्रणालियों के बारे में विस्तार से जानकारी साझा की। इसके साथ साथ छात्र-छात्राओं को एनीमल सेल कल्चर, माइक्रोबायोलॉजी लैब का भी भ्रमण कराया गया। विभिन्न प्रयोगशाला तकनीकों का परिचय देते हुए छात्रों को स्वयं भी कुछ परीक्षणों को करने का अवसर प्रदान किया गया। इस अवसर पर डॉ. विनय साहू, हरेन्द्र पाल, डॉ. के के रावत, रजत राज रस्तोगी, भरत लाल मीणा, स्वाति शर्मा आदि मौजूद थे।