मुंबई। केंद्र की मोदी सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत पैकेज’ की उम्मीद में बुधवार को दो फीसदी की छलांग लगाने वाला घरेलू शेयर बाजार पैकेज की घोषणा के बाद चौतरफा बिकवाली के कारण गुरुवार को ढ़ाई फीसदी से अधिक लुढ़क गया।
दोनों सूचकांकों में 21 अप्रैल के बाद की सबसे बड़ी गिरावट
बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 885.72 अंक यानी 2.77 प्रतिशत का गोता लगाकर साढ़े तीन सप्ताह के निचले स्तर 31,122.89 अंक पर आ गया। पिछले कारोबारी दिवस यह 31,008.61 अंक पर बंद हुआ था। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 240.80 अंक अर्थात् 2.57 फीसदी लुढ़ककर 9,142.75 अंक पर बंद हुआ। यह दोनों सूचकांकों में 21 अप्रैल के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
आईटी, टेक, ऊर्जा और वित्त समूहों के सूचकांक तीन प्रतिशत से ज्यादा लुढ़क गये। धातु, बिजली, तेल एवं गैस, बैंकिंग और यूटिलिटीज समूहों में दो से तीन प्रतिशत तक की गिरावट रही। विदेशों से मिले नकारात्मक संकेतों ने भी बाजार पर दबाव बनाया।
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सरकार द्वारा सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) की परिभाषा बदलकर ज्यादा कंपनियों को इसके दायरे में लाने, उनके लिए गारंटी वाले ऋण की व्यवस्था करने और 200 करोड़ रुपये तक के सरकारी टेंडर सिर्फ घरेलू कंपनियों को देने के फैसलों से इस श्रेणी की कंपनियों में बिकवाली कम हुई। बीएसई का मिडकैप 0.39 प्रतिशत की गिरावट में 11,536.11 अंक पर और स्मॉलकैप 0.63 फीसदी फिसलकर 10,706.48 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स की कंपनियों में आईटी और टेक के साथ ही बैंकिंग तथा अन्य समूह भी दबाव में रहे
सेंसेक्स की कंपनियों में आईटी और टेक के साथ ही बैंकिंग तथा अन्य समूह भी दबाव में रहे। टेक महिंद्रा और इंफोसिस के शेयर पाँच प्रतिशत से अधिक टूटे। एचडीएफसी, इंडसइंड बैंक और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर भी चार से पाँच प्रतिशत के बीच लुढ़क गये। घरेलू वाहन निर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के शेयर सवा दो फीसदी और मारुति के करीब डेढ़ फीसदी की बढ़त में रहे। अल्ट्राटेक सीमेंट में भी डेढ़ प्रतिशत की तेजी देखी गयी।