कानपुर। जिले में हुए बिकरु कांड (Bikru Kand) को लेकर आज एसटीएफ ने बड़ा खुलासा किया है। एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि विकास दुबे को संरक्षण देने और भागने में सहयोग देने वाले 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
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बिकरु कांड (Bikru Kand) को लेकर सोमवार को एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा किया है। एडीजी ने बताया कि विकास दुबे को संरक्षण देने और भागने में सहयोग देने वाले 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही पुलिस ने अवैध हथियार और कारतूस का जखीरा भी बरामद किया है। इतना ही नहीं एसटीएफ को विकास दुबे समेत उसके साथियों का मोबाइल फोन बरामद करने में भी सफलता मिली है।
इन लोगों ने की थी कुख्यात विकास दुबे की मदद
एसटीएफ की कानपुर यूनिट ने पनकी पड़ाव चौराहे से इंडस्ट्रियल एरिया की ओर जाने वाले सर्विस रोड के पास से विकास दुबे को संरक्षण देने वाले और भागने में उसकी मदद करने वाले 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। विष्णु कश्यप जो कि शिवली थाना क्षेत्र के जनपद कानपुर देहात का रहने वाला है, उसका साथी अमर शुक्ला जो कि थाना रूरा जनपद कानपुर देहात का रहने वाला है, रामजी उर्फ राधे जो कि रसूलाबाद थाना क्षेत्र कानपुर देहात का रहने वाला है, अभिनव तिवारी उर्फ चीकू थाना रूरा जनपद कानपुर देहात का रहने वाला है। उसके साथ मनीष यादव उर्फ शेरू ग्राम डीडी कला मध्यप्रदेश के भिंड का रहने वाला है और शुभम पाल थाना मंगलपुर कानपुर देहात का रहने वाला बताया जा रहा है।
विकास दुबे को संरक्षण देने वाले 7 लोग गिरफ्तार- ऑटोमेटिक राइफल बरामद
2 जुलाई साल 2020 की रात थाना चौबेपुर के बिकरु गांव में विकास दुबे के घर दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी थी जिसमें एक डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। इस घटना में प्रयुक्त स्वचालित हथियार तो कई बरामद किए गए, लेकिन सेमी ऑटोमेटिक राइफल जिससे विकास दुबे ने गोलियां दागी थी उसकी तलाश जारी थी जिसको एसटीएफ ने सोमवार को बरामद कर लिया है।
इसके साथ ही एक 9 एमएम की अवैध कार्बाइन, रिवाल्वर, बंदूक, दो तमंचे के साथ एके-47 की जिंदा कारतूस समेत तमाम प्रतिबंधित बोर की कारतूस को भी पुलिस ने इन लोगों के पास से बरामद किया है। एसटीएफ ने विकास दुबे के साथियों के पास से 5 मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं, जिसमें से एक फोन कुख्यात विकास दुबे का बताया जा रहा है, जबकि एनकाउंटर में मारे जा चुके अमर दुबे समेत प्रभात मिश्रा का भी मोबाइल फोन बताया जा रहा है।
मोबाइल फोन से खुल सकते हैं कई राज
एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि विकास दुबे और उसके दो साथियों के बरामद हुए मोबाइल फोन की पड़ताल करना अभी बाकी है। जिस दिशा में एसटीएफ काम कर रही है, उससे कयास लगाए जा रहे हैं कि कुख्यात रहे विकास दुबे और उसके साथियों के मोबाइल फोन से सफेदपोश और खाकी के कनेक्शन के राज का पर्दाफाश भी हो सकता है।