माफिया मुन्ना बजरंगी और दिलीप मिश्रा के गिरोह का एक कुख्यात शूटर और उसका साथी प्रयागराज में नैनी के अरैल क्षेत्र में बुधवार की देर रात पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के साथ हुई एक मुठभेड़ में मारे गये।
पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ नवेंदु कुमार ने बताया कि बुधवार की रात लगभग डेढ़ बजे वकील पांडेय और उसके साथी अमजद एसटीएफ टीम के साथ हुई मुठभेड़ में घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। वकील पांडेय पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित था।
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उन्होंने बताया कि इन दोनों अपराधियों के पास से 9 एमएम की एक पिस्तौल, सात कारतूस, छह खाली कारतूस, एक .32 बोर की पिस्तौल, चार कारतूस, एक मैगजीन, पांच खाली कारतूस आदि बरामद हुए हैं। दोनों भदोही जिले के निवासी थे।
कुमार ने बताया कि लगभग डेढ़ दशक से प्रदेश के विभिन्न जिलों और झारखंड आदि प्रदेशों में आतंक का पर्याय बने दुर्दांत अपराधी वकील पांडेय और उसके साथी अमजद पर डकैती, लूट, हत्या के अनेक मामले दर्ज हैं। वर्ष 2013 में इन अपराधियों ने तत्कालीन डिप्टी जेलर अनिल कुमार त्यागी की हत्या कर दी थी।
उन्होंने बताया कि एसटीएफ की प्रयागराज इकाई ने ऐसे दुर्दांत अपराधियों को पकड़ने के लिए एक टीम गठित की है। उन्होंने बताया कि इस टीम को मुखबिर से पता चला कि वकील पांडेय अपने साथी अमजद के साथ नैनी के लवायनकला की ओर से अरैल की तरफ आ रहा है और वह किसी राजनीतिक व्यक्ति की हत्या करने की साजिश रच रहा है। कुमार ने बताया कि इस सूचना पर एसटीएफ की टीम अरैल में सक्रिय हो गई और सोमेश्वर महादेव मंदिर के तिराहे पर वाहनों की जांच करने लगी। इसी बीच रात डेढ़ बजे मोटरसाइकिल पर दो लोग आते दिखे जिन्हें रोकने का प्रयास किया गया, लेकिन वे कछार की तरफ भागने लगे और उन्होंने पुलिस पर गोली चलाई।
उन्होंने बताया कि जवाबी कार्वाई में दोनों अपराधी घायल हो गये और बाद में अस्पताल में उनकी मौत हो गई। p एसटीएफ के सूत्रों ने बताया भदोही की ज्ञानपुर सीट से निषाद पार्टी के विधायक विजय मिश्रा ने पिछले साल 17 जून को केंद्र सरकार को लिखे पत्र में वकील पांडेय से अपनी जान का खतरा बताया था। सूत्रों ने बताया कि वकील पांडेय पर हत्या, लूट तथा हत्या का प्रयास समेत कुल 20 मामले दर्ज थे जबकि उसके साथी अमजद के खिलाफ 24 मामले दर्ज थे।