नई दिल्ली। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार गोटबाया राजपक्षे ने बड़ी जीत हासिल की है। उन्होंने श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास को हराया। इस जीत पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोटबाया राजपक्षे को जीत की बधाई दी।
I also congratulate the people of Sri Lanka for the successful conduct of the elections.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2019
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों में जीत के लिए गोटबाया राजपक्षे को बधाई। उन्होंने कहा कि दोनों देशों और नागरिकों के बीच घनिष्ठ संबंधों को प्रगाढ़ बनाने, शांति और समृद्धि के साथ ही क्षेत्र में सुरक्षा के लिए आपके साथ मिलकर काम करने की आशा करता हूं।
श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास ने स्वीकारी हार
श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास ने देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली। उन्होंने अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी एवं पूर्व रक्षा सचिव गोटबाया राजपक्षे को बधाई दी। प्रेमदास ने कहा कि लोगों के निर्णय का सम्मान करना और श्रीलंका के सातवें राष्ट्रपति के तौर पर चुने जाने के लिए गोटबाया राजपक्षे को बधाई देना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। हालांकि अभी आधिकारिक घोषणा बाकी है।
I also congratulate the people of Sri Lanka for the successful conduct of the elections.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 17, 2019
प्रेमदास के बयान से पूर्व राजपक्षे के प्रवक्ता ने दावा किया कि 70 वर्षीय सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल ने शनिवार को हुए चुनाव में जीत दर्ज की। श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार सजीत प्रेमदास ने देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी हार स्वीकार कर ली और अपने मुख्य प्रतिद्वंद्वी और पूर्व रक्षा सचिव गोटबाया राजपक्षे को बधाई दी।
श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव में सिरिसेना ने नहीं लड़ा
बता दें कि वर्ष 2015 में राष्ट्रपति चुने गए सिरिसेना इस बार चुनाव नहीं लड़ा। श्रीलंका में राष्ट्रपति सिरिसेना के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए शनिवार को मतदान हुआ था। मतदान से कुछ घंटे पहले उत्तर-पश्चिम श्रीलंका में अल्पसंख्यक मुस्लिम मतदाताओं को ले जा रही बसों के एक काफिले पर कुछ बंदूकधारियों ने हमला भी किया था।
देशभर में मतदान के लिए 1.59 करोड़ मतदाताओं के लिए 12,845 मतदान केन्द्र बनाये गये थे। मतदान स्थानीय समयानुसार सुबह सात बजे शुरू हुआ था जो शाम पांच बजे तक चला।
राष्ट्रीय चुनाव आयोग ने बताया कि कुल मिलाकर लगभग 80 फीसदी मतदान हुआ। मतदान संपन्न होने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पत्रकारों से कहा कि हमने स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित की है। यह एक ऐसी उपलब्धि है जिससे हम सभी खुश हो सकते हैं।