लखनऊ। प्रदेश के निराश्रित, आर्थिक रूप से कमजोर और श्रमिकों के बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार(Yogi Government) ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के सभी 18 मंडलों में बन रहे बोर्डिंग स्कूल, अटल आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए मंडलायुक्त स्तर की एक समिति पात्र बच्चों का चयन करेगी। इस समिति में जिलाधिकारी, संयुक्त शिक्षा निदेशक, बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे। एक उच्च स्तरीय बैठक में निर्माणाधीन इन विद्यालयों के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश दिए हैं।
नवोदय विद्यालय की तर्ज पर बन रहे इन अटल आवासीय विद्यालयों (Atal Residential School) में सीबीएसई पैटर्न पर जुलाई माह में सत्र प्रारंभ कर दिए जाएंगे। जिन मंडलों में विद्यालय का निमार्ण कार्य धीमी गति से चल रहे हैं वहां तेज गति से योजना को आगे बढ़ाए जाने का निर्देश दिया गया है। सत्र प्रारंभ होने से पहले ही विद्यालय में पद के अनुरूप शैक्षिक योग्यता और व्यवहारिक ज्ञान-कौशल का विधिवत परीक्षण करते हुए प्राचार्य और शिक्षकों का चयन कर लिया जाएगा। साथ ही सफाईकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों का प्रबंध भी तय समय में सुनिश्चित कर लिया जाएगा।
सत्र प्रारंभ करने के साथ ही छात्रावास में बच्चों के लिए पूरी समय-सारणी तैयार कराई जाएगी। प्रातःकाल उठने से लेकर रात्रि विश्राम का कार्यक्रम तय होंगे। बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें योग और प्राणायाम कराया जाएग।
साथ ही बच्चे देश प्रेम की भावना से ओत प्रोत हों इसके लिए विद्यालय में राष्ट्रगीत का गायन अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। इन विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेल-कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर हिस्सा लें इसका भी ध्यान रखा जाएगा। इसके लिए स्वाध्याय और अन्य कार्यक्रमों का समय निर्धारित किया जाएगा।
सभी मंडलों में स्थापित कराए जा रहे एक हजार छात्रों की क्षमता वाले अटल आवासीय विद्यालय (Atal Residential School) में प्रदेश में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बालक-बालिकाओं, आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों, कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के लिए पात्र बच्चों को कक्षा 06 से 12वीं तक संस्कारपरक गुणवत्तापूर्ण आवासीय पठन-पाठन की व्यवस्था होगी। यहां पठन-पाठन के साथ-साथ विद्यार्थियों के बहुआयामी विकास के सभी अवसर उपलब्ध होंगे। परिसर के भीतर ही शिक्षकों का आवास और छात्रावास भी होगा। यहां खेल स्टेडियम भी होंगे और कौशल विकास केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। यह आवासीय संस्थान विद्यार्थी के समग्र व्यक्तित्व विकास का उत्कृष्ट केंद्र होगा।