लखनऊ। विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों (दिव्यांग बच्चों) (Special Children) को मेडिकल टेस्ट, सलाह और दिव्यांगता प्रमाण पत्र के लिए अब भटकना नहीं पड़ेगा। योगी सरकार ने ऐसे बच्चों को राहत देते हुए माध्यमिक विद्यालयों में ही मेडिकल एसेसमेंट कैंप लगाने की योजना बनाई है। इस मेडिकल एसेसमेंट कैंप में दिव्यांग बच्चों (Special Children) के मेडिकल चेकअप के अलावा उनकी दिव्यांगता का आंकलन कर उनका दिव्यांग प्रमाण पत्र भी बनाया जाएगा। मेडिकल एसेसमेंट कैंप लगाए जाने के संबंध में राज्य परियोजना निदेशक की ओर से सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। इसके अनुसार जनपदों द्वारा मेडिकल एसेसमेंट कैंप के लिए स्थल व तिथियों का निर्धारण 30 जून तक, जबकि कैंप का आयोजन 30 अगस्त तक पूर्ण किया जाएगा।
कैंप में सम्मिलित होगी विशेषज्ञों की टीम
राज्य परियोजना निदेशक विजय किरण आनंद द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है कि मेडिकल एसेसमेंट कैंप आयोजित कराने के लिए चिकित्सकों के दल में एक आर्थोपेडिक सर्जन, एक ईएनटी सर्जन, एक नेत्र विशेषज्ञ एवं एक साइकोलॉजिस्ट/साइकिट्रिशियन का सम्मिलित होना अनिवार्य है।
यदि चिकित्सकों के दल में ऑडियोलॉजिस्ट एवं साइकोलॉजिस्ट उपलब्ध न हों तो ऐसे बच्चों के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी/जिलाधिकारी से संपर्क कर अपने मंडल के अपर निदेशक स्वास्थ्य, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, राष्ट्रीय बौद्धिक दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान व अली यावर जंग राष्ट्रीय वाक् एवं श्रवण दिव्यांग संस्थान मुंबई से समन्वय स्थापित कर चिकित्सकों/विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाए।
जनपद में 886 मेडिकल एसेसमेंट कैंप का होगा आयोजन
मेडिकल एसेसमेंट कैंप के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए गए हैं। इसमें कहा गया है कि कैंप के आयोजन के लिए जिला विद्यालय निरीक्षक से समन्वय स्थापित कर माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत विशिष्ट आवश्यकता वाले बच्चों (Special Children) को मेडिकल एसेसमेंट कैंप में सम्मिलित किया जाए। प्रत्येक कैंप में 50 विशिष्ट आवश्यकता वाले ऐसे बच्चों को अनिवार्य रूप से प्रतिभाग कराया जाए जिनके पास दिव्यांगता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है। कैंप के आयोजन के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार की कार्यवाही की जाए। प्रदेश के सभी 886 ब्लॉकों में मेडिकल एसेसमेंट कैंप का आयोजन किया जाना है। इस बात का ध्यान रखा जाए कि मेडिकल एसेसमेंट कैंप में जनपद के समस्त विकासखंड के दिव्यांग बच्चे आच्छादित हो जाएं।
कक्षा 1 से 12 तक के छात्र होंगे लाभान्वित
ये भी निर्देश दिया गया है कि स्पेशल एजुकेटर्स द्वारा उनके आवंटित न्यायपंचायत के एवं नोडल टीचर द्वारा अपने विद्यालय के दिव्यांग बच्चों की स्क्रीनिंग कर प्रमाण पत्र के लिए दिव्यांग बच्चों (Special Children) को चिन्हित किया जाएगा। चिन्हांकन के लिए समर्थ एप पर पंजीकृत बच्चों के डेटाबेस की भी मदद ली जा सकेगी। जिन बच्चों को उपकरण एवं करेक्टिव सर्जरी की आवश्यकता है, उनकी सूची तैयार कर चिन्हित किया जाए। जापानी इंसेफेलाइटिस एवं एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से प्रभावित बच्चों को भी चिन्हांकित कर परीक्षण कराया जाए।
पुराने जीर्ण शीर्ण विद्यालयों को दुरुस्त करेगी योगी सरकार
कैंप में समग्र शिक्षा के अंतर्गत कक्षा एक से 12 तक विद्यालयों में पढ़ने वाले दिव्यांग बच्चे लाभान्वित होंगे। मेडिकल बोर्ड द्वारा निर्गत दिव्यांगता प्रमाण पत्र के आधार पर यूडीआईडी के लिए बीआरसी/जनसेवा केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण कराते हुए यूनिक डिसेबिलिटी आईडी निर्गत कराई जाएगी तथा इसका विवरण समर्थ एप पर अपडेट किया जाएगा। कैंप में कोविड प्रोटोकाल का भी पालन किया जाएगा।