छठ पूजा पर उगते हुए सूर्य की पूजा का विशेष महत्व, जानें इससे जुड़ी हर बात

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लखनऊ डेस्क। पूर्वी भारत में मनाए जाने वाले छठ पूजा का मुख्य केंद्र बिहार रहा है लेकिन समय के साथ-साथ यह पर्व केवल पूरे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मनाया जाने लगा है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से सप्तमी तिथि तक इस महापर्व को मनाया जाता है। आइए आपको इस पर्व से जुड़ी बातें–

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1-हिंदू धर्म में उगते हुए सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है। लेकिन छठ पूजा के दौरान डूबते हुए सूर्य की पूजा की जाती है। व्रती पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर शाम में पूजा की तैयारी करते हैं। नदी या तलाब में व्रती खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं।

2-कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू होने वाले इस महापर्व को छठ पूजा, इस बार छठ पूजा की शुरुआत 31 अक्टूबर से हो रही है। छठ पूजा के पहले दिन नहाय-खाय होता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से पहले तन और मन दोनों साफ होने चाहिए। नहाय-खाय के दिन व्रती स्नान कर नए कपड़े पहनते हैं और शुद्ध सात्विक भोजन करते हैं।

3-छठ पूजा के चौथे दिन यानी सप्तमी तिथि को पूजा का समापन होता है। इस दिन उगते हुए हुए सूर्य की पूजा की जाती है। 3 नवंबर को इस बार व्रत का समापन है। सूर्य के उपासना के बाद वहां मौजूद लोगों को प्रसाद दिया जाता है।

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