लखनऊ डेस्क। राष्ट्र तभी सशक्त बन सकता है, जब उसका हर नागरिक सशक्त हो। परिवार में एक मां के रूप में वह अपनी यह भूमिका अदा करती है। राष्ट्र निर्माण में उसके इस योगदान का लंबा इतिहास रहा है। भारत में महिलाओं को जीवन के सभी क्षेत्रों में पुरुषों के साथ बराबरी का दर्जा हासिल था।
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आपको बता दें भारत सरकार ने देश में महिलाओं की स्थिति सुधारने का लक्ष्य हासिल करने के लिए वर्ष 2001 में महिला सशक्तीकरण हेतु राष्ट्रीय नीति जारी की। राष्ट्रीय महिला सशक्तीकरण नीति को केंद्र सरकार ने 21 मार्च 2001 को मंजूरी प्रदान की थी। इसके महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं-
1-महिलाओं के प्रति किसी भी तरह के भेदभाव को दूर करने के लिए कानूनी प्रणाली एवं सामुदायिक प्रक्रिया विकसित करना।
2-महिलाओं के लिए ऐसा वातावरण तैयार करना कि वे यह महसूस कर सकें कि वे आर्थिक एवं सामाजिक नीतियां बनाने में शामिल हों
3-महिलाओं को देश के सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक जीवन में बराबर की भागीदार बनाना।
4-समाज में महिलाओं के प्रति व्यवहार में बदलाव लाने के लिए महिलाओं और पुरुषों को समाज में बराबर भागीदारी निभाने को बढ़ावा देना।