लखनऊ डेस्क। भारत का नवनिर्माण इसकी आज़ादी में भारतीय नारी का असीम योगदान रहा है। महिलाओं ने न सिर्फ कड़े संघर्ष से मिली स्वतंत्रता को बनाए रखा, बल्कि हर क्षेत्र में अपने देश का नाम मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के साथ बुलंदियों तक पहुंचाया।
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आपको बता दें महिलाएं दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों में महापौर, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री, राज्य मंत्री और सांसदों के पद पर आसीन हो देश की प्रगति के लिए कार्यशील हैं। देश के विभिन्न राज्यों के ग्रामीण क्षेत्रों में पंचायतों में भी महिलाएं विभिन्न पदों पर आसीन हैं। अनेक सामाजिक संगठनों के बल पर राष्ट्र की छवि निखारने का बीड़ा महिलाओं ने उठाया है।
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जानकारी के मुताबिक राजनैतिक और सामाजिक सुधारों के क्षेत्र में महिलाओं ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। विजय लक्ष्मी पंडित ने चार बार संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का प्रतिनिधित्व किया। 1953-54 में वह संयुक्त राष्ट्र महासभा की सदस्य भी रहीं। इंदिरा गांधी ने देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री के तौर पर शासन व्यवस्था बखूबी संचालित की। उनके नेतृत्व में भारत राजनीतिक मोर्चे पर ही आगे नहीं बढ़ा बल्कि आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी क्षेत्रों में उसने उल्लेखनीय प्रगति की है। शांतिदूत मदर टेरेसा ने विदेशी होते हुए भी भारत को अपना कर्मक्षेत्र बनाया। कलकत्ता में ’द सोसाइटी ऑफ द मिशनरीज़ ऑफ चैरिटी’ नामक संस्था के माध्यम से उन्होंने ग़रीबों, दीन-दुखियों, लाचारों की सेवा का बीड़ा उठाया।