पीएम मोदी

इतिहास लेखन में कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों को किया गया नजरअंदाज : पीएम मोदी

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कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार शाम कोलकाता के ओल्ड करेंसी बिल्डिंग के सुसज्जित इमारत का लोकार्पण किया। इसके अलावा उन्होंने वेलवेदरे हाउस, मेटकाफ हाउस और विक्टोरिया मेमोरियल राष्ट्र को समर्पित किया।

मोदी ने इन दिग्गज मनीषियों के योगदान को संरक्षित रखने के लिए म्यूजियम के निर्माण की घोषणा की

इस अवसर पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इतिहास लेखन के दौरान कई महत्वपूर्ण पक्षों को नजरअंदाज किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर, स्वामी विवेकानंद, ईश्वर चंद्र विद्यासागर सरीखे महापुरुषों के योगदान का स्मरण किया। मोदी ने इन दिग्गज मनीषियों के योगदान को संरक्षित रखने के लिए म्यूजियम के निर्माण की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इसका नाम बिप्लॉबी भारत हो। इस म्यूजियम में नेताजी सुभाषचंद्र बोस, अरबिंदो घोष, रास बिहारी बोस, खुदी राम बोस, देशबंधु, बाघा जतिन, बिनॉय, बादल, दिनेश जैसे हर महान सेनानी को जगह मिलनी चाहिए।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि प्रयास है कि भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य को दुनिया के सामने नए रंग-रूप में रखा जाए

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि जब आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष पूरे हुए तो लालकिले में ध्वजारोहण का सौभाग्य मुझे खुद मिला। नेताजी से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने की मांग सरकार ने पूरी की। उन्होंने कहा कि भारत को हेरिटेज टूरिज्म हब बनाया जाएगा। केंद्र सरकार इसकी कोशिश कर रही है। प्रयास है कि भारत के सांस्कृतिक सामर्थ्य को दुनिया के सामने नए रंग-रूप में रखा जाए।

पीएम ने कहा कि तय किया गया है कि देश के पांच महत्वपूर्ण संग्रहालयों को वैश्विक स्तर का बनाया जाएगा। इसकी शुरुआत विश्व के सबसे पुराने म्यूजियम में से एक इंडियन म्यूजियम से की जा रही है। मोदी ने कहा कि भारत की कला, संस्कृति और अपनी हैरिटेज को 21वीं सदी के अनुसार संरक्षित करने और उनको रिइन्वेंट रीब्रांड रेनोवेट और रिनाउंस करने का राष्ट्रव्यापी अभियान शनिवार को पश्चिम बंगाल से शुरू हो रहा है।

अपने समृद्ध इतिहास को, धरोहर संजोकर रखना, उनका संवर्धन करना  हर भारतवासी के लिए महत्वपूर्ण

प्रधानमंत्री ने कहा कहा कि भारत को आदि शंकराचार्य, थिरुनावुक्कारासार जैसे कवि और संतों का आशीर्वाद मिला। अंदाल, अक्का महादेवी, भगवान बशवेश्वर, गुरु नानक देव जी द्वारा दिखाया गया मार्ग हमें प्रेरणा देता है। राजनीतिक और सैन्य शक्ति तो अस्थाई होती है, लेकिन कला और संस्कृति के जरिए जो जनभावनाएं अभिव्यक्त होती हैं, वो स्थाई होती हैं और इसलिए, अपने समृद्ध इतिहास को, अपनी धरोहर को संजोकर रखना, उनका संवर्धन करना भारत के लिए, हर भारतवासी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

ममता बनर्जी बोलीं- मैंने पीएम मोदी से CAA, NRC और NPR वापस लेने की मांग

मोदी ने कहा कि गुरुदेव ने अपने एक लेख में महत्वपूर्ण उदाहरण भी दिया था- आंधी और तूफान का। उन्होंने लिखा था कि चाहे जितना भी तूफान आए, उससे भी ज्यादा अहम होता है कि संकट के उस समय में, वहां के लोगों ने उस तूफान का सामना कैसे किया? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम ईश्वर चंद्र विद्यासागर जी की 200वीं जयंयी मना रहे हैं। इसी तरह 2022 में जब भारत की आजादी के 75 वर्ष होंगे, तब एक और सुखद संयोग बन रहा है। साल 2022 में महान समाज सुधारक और शिक्षाविद् राजा राममोहन राय की 250वीं जयंती आने वाली है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण रहा कि अंग्रेजी शासन के दौरान और स्वतंत्रता के बाद भी देश का जो इतिहास लिखा गया, उसमें कुछ अहम पक्षों को नजरअंदाज कर दिया गया।

गुरुदेव टैगोर ने 1903 के अपने लेख में लिखा था कि ‘भारत का इतिहास वह नहीं है जो हम परीक्षाओं के लिए  हैं पढ़ते

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि गुरुदेव टैगोर ने 1903 के अपने लेख में लिखा था कि ‘भारत का इतिहास वह नहीं है जो हम परीक्षाओं के लिए पढ़ते हैं। कुछ लोग बाहर से आए, पिता बेटे की हत्या करता रहा, भाई-भाई को मारता रहा, सिंहासन के लिए संघर्ष होता रहा, ये भारत का इतिहास नहीं है। भारत के इतिहास की बहुत सी बातें पीछे छूट गईं। हमारे देश के इतिहास और उसकी विरासत पर दृष्टि डालें तो उसे कुछ लोगों ने सत्ता के संघर्ष, हिंसा, उत्तराधिकारी की लड़ाई तक सीमित कर दिया था, लेकिन जो बात गुरुदेव ने कही थी, उसकी चर्चा भी जरूरी है।

स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अभी वर्तमान सदी भले ही आपकी है, लेकिन 21वीं सदी भारत की होगी

घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए एनआरसी के प्रस्तावित अनुमान के संबंध में प्रधानमंत्री की यह बात काफी अहम मानी जा रही है। मोदी ने कहा कि हम सभी को स्वामी विवेकानंद जी की वो बात हमेशा याद रखनी है, जो उन्होंने मिशिगन यूनिवर्सिटी में कुछ लोगों से संवाद के दौरान कही थी। स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अभी वर्तमान सदी भले ही आपकी है, लेकिन 21वीं सदी भारत की होगी। यह महत्वपूर्ण है कि ओल्ड करेंसी बिल्डिंग में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत बांग्ला भाषा में की। उन्होंने कहा यह हमारा सोने का बंगाल है। मैं इसकी मिट्टी को नमन करता हूं।

वहीं इस कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पीएम मोदी हावड़ा ब्रिज के लाइट एंड साउंड शो का उद्घाटन करने पहुंचे हैं। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद हैं।

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