नैनीताल। देश में साल के सबसे बड़े दिन यानी 21 जून को पड़ने वाला सूर्यग्रहण दुर्लभ सूर्यग्रहण नहीं होगा। यह वलायाकार सूर्यग्रहण होगा। इस सूर्यग्रहण की खास बात यह है कि यह एक दशक बाद 21 मई 2031 को दिखायी देगा। केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत काम करने वाला नैनीताल का आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) सूर्य ग्रहण का जीवंत सर्वेक्षण करेगा।
सूर्यग्रहण को अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कई देशों के साथ ही उत्तर भारत में भी देखा जा सकेगा
एरीज के निदेशक प्रोफेसर दीपांकर बनर्जी ने बताया कि इस सूर्यग्रहण को अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कई देशों के साथ ही उत्तर भारत में भी देखा जा सकेगा। आगामी 21 जून को अपराह्न 12.08 पर यह सूर्यग्रहण अपने चरम पर होगा और सूर्यग्रहण के इसी चरमोत्कर्ष को उत्तर भारत के कई हिस्सों में देखा जा सकेगा। ग्रहण अपराह्न एक बजकर 54 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। उन्होंने बताया कि इससे पहले इसी प्रकार का वलायाकार सूर्यग्रहण 26 दिसंबर 2019 को देखा गया था।
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पूर्ण सूर्यग्रहण एक दुर्लभ घटना, यह चौदह साल बाद 20 मार्च 2034 को पड़ेगा
श्री बनर्जी ने बताया कि सूर्य ग्रहण के इतिहास में पूर्ण सूर्यग्रहण एक दुर्लभ घटना है और यह चौदह साल बाद 20 मार्च 2034 को पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सूर्य ग्रहण के दौरान चंद्रमा की वृत्ताकार (गोल) छाया पृथ्वी पर पड़ती है और अंधकारमय क्षेत्र बनाती है। इसको अंब्रा कहा जाता है और अपेक्षाकृत कम अधंकारमय क्षेत्र को पेनंब्रा कहते हैं।
उन्होंने कहा कि इससे पहले 26 दिसंबर 2019 को पड़ने वाला वलायाकार सूर्यग्रहण सिर्फ देश के दक्षिण हिस्से में देखा गया था। आगामी 21 जून को होने वाला सूर्यग्रहण देश के उत्तरी हिस्सों में अपने चरमोष्कर्ष की स्थिति में ही दिखायी देगा। उन्होंने कहा कि सूर्यग्रहण के दिन सूर्य को खुली आंखों से न देखें। सूर्यग्रहण को एक्स-रे फिल्म या साधारण चश्मे से भी न देखें। पेंट किये शीशे से भी ग्रहण को देखना सुरक्षित नहीं है।
सूर्यग्रहण को अधिकृत चश्मे या कैमरे में उचित फिल्टर लगाकर दे सकते हैं
उन्होंने बताया कि सूर्यग्रहण को अधिकृत चश्मे या कैमरे में उचित फिल्टर लगाकर दे सकते हैं। टेलीस्कोप के सहारे परदे पर प्रतिबिंब के सहारे भी ग्रहण का दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने ग्रहण को लेकर समाज में फैली भ्रांति के बारे में कहा कि ग्रहण के दौरान खाने, पीने और बाहर जाने से कोई हानि नहीं होगी। सुरक्षित तरीके से ही ग्रहण के दीदार करें।
श्री बनर्जी ने कहा कि एरीज ग्रहण पर बारीकी से नजर रखेगी और इसका जीवंत सर्वेक्षण करेगी। इस दुर्लभ मौके पर नजर रखेन के लिये एरीज चार विभिन्न प्रकार की टेलीस्कोप का सहारा लेगी। सूर्य ग्रहण के मौके पर इस बार एरीज के दरवाजे आम लोगों के लिये बंद रहेंगे।