पंजाब के कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के दो सलाहकारों प्यारेलाल गर्ग और मालविंदर सिंह की ओर से दिए गए विवादित बयान का मामला तूल पकड़ चुका है। इस बीच पंजाब के कांग्रेस इंचार्ज हरीश रावत ने कहा कि सिद्धू के सलाहकारों को पार्टी की ओर से नियुक्त नहीं किया गया है, ऐसे बयान मंजूर नहीं किए जा सकते हैं। उन्होंने साफतौर पर कहा- हमने सिद्धू से उन्हें बर्खास्त करने के लिए कहा है, अगर सिद्धू ऐसा नहीं करते हैं, तो मैं करूंगा, हम ऐसे लोग नहीं चाहते जो पार्टी को शर्मिंदा करें।
रावत ने आगे कहा- जम्मू-कश्मीर भारत का विभिन्न अंग है, कोई भी व्यक्ति किसी भी पद पर हो, अगर उसने ऐसा बयान दिया है तो यह गैर जिम्मेदाराना है। उन्होंने कहा- नवजोत सिंह सिद्धू एक अलग पृष्ठभूमि से आते हैं, हमने भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें कांग्रेस की पंजाब इकाई का अध्यक्ष बनाया।
पंजाब में मंगलवार को 30 कांग्रेस विधायकों के मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल देने के बाद देहरादून में कांग्रेस के पंजाब प्रभारी हरीश रावत के आवास पर हलचल बढ़ गई। हालांकि दोपहर में उन्होंने कई सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। शाम को जागरण से बातचीत में उन्होंने जानकारी दी कि पंजाब के विधायकों का एक प्रतिनिधिमंडल रात तक उनसे मिलने देहरादून आ रहा है।
बाद में उन्होंने विधायकों के देहरादून आने का कार्यक्रम निरस्त होने की बात कही। रावत ने कहा कि विधायक संभवतया बुधवार को दिल्ली जाकर पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल से मुलाकात कर सकते हैं। हालांकि रावत ने कहा कि उनकी कोशिश रहेगी कि विधायकों में असंतोष के मामले का समाधान उनके ही स्तर पर हो जाए, लेकिन जरूरत हुई तो उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलवाया जा सकता है। इसमें गलत कुछ भी नहीं है कि विधायक पार्टी अध्यक्ष से मिलना चाहते हैं।
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उन्होंने कहा कि राजनीति में इस तरह की घटनाएं साधारण ही होती हैं। सूत्रों के मुताबिक रावत देहरादून से पंजाब के राजनीतिक हालात पर नजर रखे हुए हैं। पार्टी विधायकों के साथ ही पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सिद्धू से भी उनकी फोन पर बात हुई है। मुख्यमंत्री कै. अमरिंदर सिंह समर्थक विधायकों से भी उन्होंने बात की। सूत्रों का कहना है कि रावत बुधवार को दिल्ली या पंजाब के लिए रवाना हो सकते हैं।