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सिडबी ने ओडिशा राज्य सरकार को 1000 करोड़ रुपये किए मंजूर

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ओडिशा: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) के लिए देश की प्रमुख वित्तीय संस्था, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) ने ओडिशा औद्योगिक अवसंरचना विकास निगम (आईडीसीओ ) द्वारा कार्यान्वित की जाने वाली 18 MSME बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के विकास के लिए ओडिशा सरकार (Government of Odisha) को अपनी सिडबी क्लस्टर विकास निधि योजना (एससीडीएफ) के तहत 837 करोड़ रुपये की सहायता मंजूर की है।

इन परियोजनाओं में 5 नए एमएसएमई पार्कों का विकास, 11 कामगार छात्रावासों का निर्माण और एमएसएमई को बुनियादी ढांचे का समर्थन करने के लिए 2 परियोजनाएं शामिल हैं। अपनी एससीडीएफ योजना के अंतर्गत, सिडबी विभिन्न मौजूदा एमएसएमई क्लस्टरों के उन्नयन के साथ-साथ राज्य में नई औद्योगिक अवसंरचना के सृजन के लिए राज्य सरकारों को कम दरों पर ऋण सहायता प्रदान करता है।

इस अवसर पर सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, सिवसुब्रमणियन रमण, आईए एंड एएस ने कहा कि “उन क्षेत्रों/उप-क्षेत्रों के समूहों पर जोर दिया जाएगा जो राज्य में एमएसएमई को सीधे लाभान्वित कर सकते हैं और उन्हें ‘अगले’ स्तर पर ले जा सकते हैं, जिसमें वे मूल्य श्रृंखला पर उच्च स्तर पर आगे बढ़कर जीवंत हो सकें और टिकाऊ बन सकें। सिडबी राज्य में समर्थित समूहों में अपने प्रत्यक्ष उधार उत्पादों के साथ पूरक के रूप में सहयोग करेगा, जिससे अन्य संस्थान भी इसे अपनाने और वैसा ही सहयोग करने के लिए एक उदाहरण के रूप में ले सकें।

सिडबी प्रौद्योगिकी, कौशल/उन्नयन, ऊर्जा दक्षता, बाजार और ऋण संपर्क से संबंधित चुनिंदा समूहों में साफ्ट इंफ्रास्ट्र्क्चर के मुद्दों को आवश्यकता के आधार पर समर्थन देने के लिए उसका परीक्षण करेगा। सिडबी ने अपने अनुदान सहायता के माध्यम से बरगढ़ हथकरघा क्लस्टर में एक पायलट कार्यक्रम भी शुरू किया है और यह नोडल राज्य विभाग के परामर्श से पहचाने गए महत्वपूर्ण कारीगर समूहों के लिए मदद के लिए भी आशान्वित है।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य के 5 जिलों अर्थात् [बलांगीर, बरगढ़, संबलपुर, सोनपुर, अंगुल] में सिडबी द्वारा संचालित यूरोपीय संघ स्विच एशिया बांस परियोजना, जिसका उद्देश्य आजीविका का एक वैकल्पिक स्रोत उत्पन्न करने के साथ-साथ लकड़ी के विकल्प को बढ़ावा देना है जिससे पर्यावरण की रक्षा हो सके और जिसके तहत 342 कारीगरों और बैंकरों को प्रशिक्षित किया गया है और 229 इकाइयों को अब तक स्थापित किया जा चुका है। राज्य के अधिकारियों के साथ घनिष्ठ समन्वय में इसे और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा।

राज्य के एमएसएमई पारितंत्र को सुदृढ़ करने के लिए सीएमडी, सिडबी और ओडिशा के शीर्ष सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति में राज्य सरकार के साथ एक परियोजना प्रबंधन इकाई की स्थापना के लिए एक समझौता ज्ञापन निष्पादित किया गया। रमण ने सुरेश चंद्र महापात्र, आईएएस, ओडिशा सरकार के मुख्य सचिव, प्रदीप कुमार जेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव और राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भी विस्तृत चर्चा की, जिसमें उन्होंने अधिकारियों को राज्य के लिए सिडबी की योजनाओं के बारे में और ओडिशा राज्य के साथ सिडबी के लंबे समय से मौजूद विकासात्म्क सहयोग के बारे में भी अवगत कराया, जिसके माध्यम से सिडबी ने न केवल राज्य के विभिन्न अल्पवित्त संस्थाओं का वित्तपोषण किया है ताकि वे अंतिम छोर के लाभाथयों को लाभप्रद आर्थिक कार्यकलाप शुरू करने के लिए ऋण उपलब्ध करा सकें।

अपितु इन अल्प वित्त संस्थाओं के क्षमता निर्माण के लिए विभिन्न पहलें भी की गई हैं। उन्होने राज्य में उद्यम विकास को सुकर बनाने के लिए ‘विलेज एडॉप्शन’ की सिडबी की पहलों के बारे में अधिकारियों को अवगत कराया और साथ ही राज्य के युवा अभ्यर्थियों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करने के लिए राज्य में सिडबी द्वारा स्थापित स्वावलंबन संपर्क केन्द्रों , हैंडहोल्डिंग और परामर्श केन्द्रों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने अधिकारियों को सिडबी की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी मुद्रा द्वारा ओडिशा स्थित अन्नपूर्णा माइक्रोफाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड को 200 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता की हाल ही में मंजूरी के बारे में भी अवगत कराया।

अपनी यात्रा के दौरान रमण ने एमएफआई संस्थाओं के साथ विचार विमर्श किया और अंतिम माइल कनेक्ट चुनौतियों का पता लगाने के लिए इन क्षेत्रों का दौरा भी किया और देखा कि ये अवसरों के रूप में कैसे उभर सकते हैं। उन्होने राज्य के 12 जिलों के लिए ‘महिला उद्यमिता- आजीविका संवर्द्धन और विकास (WE-LEAD)’ नामक एक जिला गोद लेने का कार्यक्रम भी शुरू किया।

ओएसएएफआईआई द्वारा कार्यान्वित किए जाने वाले इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वयं सहायता समूहों / संयुक्त देयता समूहों के सदस्यों की महिला उद्यमियों को शामिल करना है जिन्हें ओडिशा में उद्यम और कौशल निर्माण प्रशिक्षण और व्यवसाय विकास सेवाओं (क्रेडिट और मार्केट लिंकेज सहित) के साथ समर्थित किया जाएगा। यह आजीविका महिलाओं के लिए कौशल, गुणवत्ता, डिजाइन, विपणन और क्रेडिट कनेक्ट के लिए भी सहयोग प्रदान करेगा। एमएफआई संस्थाओं ने सिडबी की इस पहल की सराहना की और आशा व्यक्त किया कि सिडबी का यह क्रेडिट प्लस समर्थन इस लक्ष्य खंड के लिए ऑक्सीजन के रूप में कार्य करेगा। लक्षित महिला अभ्यर्थी भी इस कार्यक्रम से काफी आशान्वित थीं।

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