श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण में ठाकुर केशवदेव के भक्त बनकर आगे आए वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह केस में सहयोगी टीम के साथ आगरा की नगीना मस्जिद पहुंचे। जहां पहुंचकर औरंगजेब द्वारा बनवाई गई मस्जिद की उन सीढ़ियों का अवलोकन किया, जिनके नीचे ठाकुर केशवदेव के विग्रह दबे हुए हैं। वादीगणों ने इन सीढ़ियों की न केवल फोटोग्राफी की बल्कि वीडियो भी तैयार किया। वह इस वीडियो को अदालत को सौंपेंगे।
वादीगण ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में किए गए दावे में बताया है कि सन् 1669 में मुस्लिम शासक औरंगजेब ठाकुर केशवदेव के मूल मंदिर को तोड़कर मूल विग्रह को अपने साथ ले गया। उसके द्वारा ठाकुर केशवदेव के मूल विग्रह को आगरा के लाल किले में दीवाने खास के पास छोटी मस्जिद की सीढ़ियों में दबा दिया।
6 अगस्त को वादी एडवोकेट महेंद्र प्रताप सिंह साथी आशुतोष व अन्य के साथ उक्त मस्जिद में पहुंचे और उन सीढ़ियों की तथा अन्य मस्जिद की वीडियो रिकार्डिंग की। वादी ने बताया कि वह इसकी सीडी आगामी 16 अगस्त की तारीख को अदालत को सौंपेंगे। जल्द से जल्द इन सीढ़ियों की खोदाई करवाकर ठाकुर केशवदेव जी के विग्रह को निकलवाने की मांग करेंगे।
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वादी ने बताया कि इतिहासकार वासुदेव शरण अग्रवाल, केडी वाजपेयी और प्रभुदयाल मीतल व सन् 1883 में मथुरा के कलक्टर रहे एफएस ग्राउस के अनुसार यह तथ्य विदित है कि औरंगजेब ने ठाकुर केशवदेव के विग्रह को इन सीढ़ियों के नीचे दबवा दिया था। यह मस्जिद शाही मस्जिद थी, जिसके चलते इसमें शाही खानदान ही नमाज पढ़ा करता था। इन सीढ़ियों से औरंगजेब की बेगम के अलावा उसकी बहन रोशनआरा व जहांआरा भी उतरतीं और चढ़ती थीं।