सहारनपुर। शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी आने पर ऑक्सीजन की कमी हो जाती है, जिससे सांस फूलने की स्थिति में शारीरिक थकान व दम फूलना आदि है। इन लक्षणों के आने पर आम आदमी इसे कोरोना संक्रमित मान कर घबरा जाता है। जबकि वास्तव में यह कोरोना के लक्षण नही हैं।
जब हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य स्तर से कम हो जाती है तो आक्सीजन में कमी होने लगती है
बल्कि हीमोग्लोबिन की कमी के लक्षण हैं । योग गुरु गुलशन कुमार ने आज यहां कहा कि कोरोना का खौफ व डर शरीर में हो रहे जरा से बदलाव मे हर किसी का ध्यान इसी की ओर जाता है। सांस फूलने लगी , थकावट महसूस होने लगे या सिर दर्द होने पर दिमाग में कोरोना की ओर ही ध्यान जाता है जबकि वास्तव में रक्त में जब हीमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य स्तर से कम हो जाती है तो आक्सीजन में कमी होने लगती है और व्यक्ति की सांस तेज चलने लगती है ।
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यदि हम कपाल भाति प्राणायाम, भस्त्रिका व भ्रामरी प्राणायाम आदि का अभ्यास करते हैं। इसके अलावा अपने आहार में हरी सब्जियों व फलों का सेवन करते हैं। तो निश्चित रूप से हीमोग्लोबिन के सामान्य स्तर को बेहतर करके सांस के फूलने की समस्या को ठीक कर सकते हैं।
भस्त्रिका, कपालभाति व भ्रामरी प्राणायाम को यदि 30 मिनट प्रतिदिन एक सप्ताह तक किया जाए तो आरबीसी काउन्ट में वृद्धि होती है
उन्होंने बताया कि भस्त्रिका, कपालभाति व भ्रामरी प्राणायाम को यदि 30 मिनट प्रतिदिन एक सप्ताह तक किया जाए तो आरबीसी काउन्ट में वृद्धि होती है। बोन मैरो में लाल रक्त कणिकाओं मे वृद्धि होती है तथा सांस लेने की क्षमता में वृद्धि होती है । आक्सीजन का स्तर सुधर जाता है। योग करने के बाद सांस नहीं फूलती, सिर दर्द नहीं होता है ।
उन्होंने कहा कि डाक्टर अक्सर सांस फूलने पर या तो फेफड़ों में संक्रमण , दमा, ब्रान्काइटिस या किसी अन्य बीमारी की अवस्था में रक्त में आक्सीजन की कमी बताया करते हैं । हर समय खुली सांस लेने छोड़ने वाले व्यक्ति के रक्त में अचानक आक्सीजन की कमी भला कैसे हो सकती है? जब हमारे रक्त में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाती है तब सांस फूलने लगती हैं । आहार में जब आयरन की कमी होने लगती है। तब एनीमिया हो जाता है तो ऐसी अवस्था में थकावट होना ,सांस फूलना व आक्सीजन की कमी शरीर में होने लगती है। इस अवस्था को कोरोना नहीं मानना चाहिये ।
उन्होंने बताया कि ऐसी अवस्था में सिर व सीने में दर्द होना , चक्कर आना, आदि लक्षण पाये जाते है। इस अवस्था में हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, पत्तागोभी, ब्रोकली, अमरूद, आंवला, अनार, खुबानी, सुखे मेवे, सन्तरा, मौसमी का जूस आदि का सेवन किया जा सकता है । इसके अतिरिक्त खजूर, सेब, तरबूज, भी खाया जा सकता है।