विश्व प्रसिद्ध जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क (Corbett Park) में फेस फॉर की गणना के मुताबिक 252 से ज्यादा बाघ पाए गए हैं। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (Corbett Park) 521 स्क्वायर किलोमीटर में फैला हुआ पार्क है लेकिन बाघों की बढ़ती संख्या के कारण अब भूमि कम पड़ती जा रही है। वहीं पिछले 10 सालों में आपसी संघर्ष व टेरिटोरियल फाइट में 14 बाघों की मौत हुई है।
वहीं इस विषय में वन्यजीव विशेषज्ञ संजय कुमार के अनुसार किसी भी क्षेत्र में बाघों का बढ़ना एक अच्छा संकेत है, लेकिन ये एक चिंता का विषय भी बनता है क्योंकि बाघों के वन क्षेत्र सीमित हैं,। खासतौर पर नर बाघों के वन क्षेत्र तो सीमित ही होते हैं। नर बाघ वर्चस्व की लड़ाई को लेकर एक-दूसरे के ऊपर हमलावर होते रहते हैं।
यह टेरिटोरियल एनिमल है और जब संख्या से अधिक होते हैं तो दूसरे क्षेत्र में जाते हैं। वहां उनका दूसरे नर बाघों से आमना सामना होता है, जिसमें वह एक-दूसरे को इतना घायल कर देते हैं कि उनकी मौत हो जाती है.। कई दफा ऐसा होता है कि जब मेटिंग के लिए नर बाघ मादा बाघ की खोज में एक-दूसरे की टेरिटरी में जाते हैं तो इनके बीच आपसी संघर्ष होता है, जिसमें कई बार बाघ घायल हो जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है।
संजय कुमार का कहना है कि ये एक चिंता का विषय है। वन विभाग को इस में कुछ पहल करनी चाहिए।नए क्षेत्र बनाकर बाघों की बढ़ती आबादी को वहां शिफ्ट करना चाहिए। इस विषय में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल का कहना है कि पिछले वर्ष फेस फॉर की मॉनिटरिंग के मुताबिक कॉर्बेट पार्क में बाघों की संख्या लगभग 252 है। उस हिसाब से जो हर्बिबोस पोपुलेशन प्रयाप्त है। बाघों का मुवमेंट लगातार कॉर्बेट और कॉर्बेट के लैंडस्केप से लगते जंगलों में लगातार होता रहता है. लेकिन जो टेरिटोरियल फाइट है वह बाघों का नेचुरल फिनोमिना है।
वहीं जब बाघ के बच्चें बड़े होते हैं तो उनमें संघर्ष होता है। एक बाघ अपनी टेरिटरी चेंज करता है, और दूसरी टेरिटरी में जाता है। ऐसी स्थिति में जो पुराने बाघ होते हैं, या फिर नए बाघ आते हैं तो उनके बीच में आपसी संघर्ष होता है या फिर मेटिंग के लिए भी बाघों या बाघ-बाघिन के बीच में भी आपसी संघर्ष देखा गया है। उन्होंने कहा कि ये कॉर्बेट में बाघों के बीच टेरिटरी को लेकर फाइट, भोजन को लेकर फाइट या मेटिंग को फाइट कॉर्बेट पार्क में देखी गई है।