बिजनेस डेस्क। वॉलमार्ट इंडिया कंपनी ने वहां काम करने वाले सीनियर एग्जिक्यूटिव को झटका देने वाला एक बड़ा फैसला लिया हैं। वॉलमार्ट इंडिया कंपनी ने अपने स्टोर्स के बिजनेस में काम करने वाले सभी शीर्ष अधिकारियों यानि सीनियर एग्जिक्यूटिव में से एक तिहाई अधिकारियों को हटाने जा रही है।
यह प्रक्रिया गुरुग्राम स्थित कंपनी के मुख्यालय से की जाएगी। वॉलमार्ट ने साल 2018 में देश की टॉप ई-कॉमर्स कंपनियों में शुमार फ्लिपकार्ट को खरीदा था। लेकिन भारत में कैश-एंड-कैरी बिजनेस में कंपनी को अपना भविष्य नजर न आने के कारण ऐसा फैसला किया हैं। वॉलमार्ट ने एग्री बिजनस और एफएमसीजी डिविजन से उपाध्यक्ष सहित 100 से अधिक सीनियर एग्जिक्यूटिव्स की छंटनी के बारे में जानकारी दी है।
कंपनी ने बनाई यह योजना
जानकारी के मुताबिक, वॉलमार्ट की योजना मुंबई में फुलफिलमेंट सेंटर बंद करने की भी है, जो देश में कंपनी का सबसे बड़ा वेयरहाउस है। साथ ही कंपनी देश में नए स्टोर भी नहीं खोलेगी। कंपनी यह कदम इसलिए उठा रही है क्योंकि भारत में कंपनी को मुनाफा नहीं हुआ है। भारत में वॉलमार्ट को कारोबार शुरू किए हुए करीब 10 साल हो गए हैं, लेकिन कंपनी की ग्रोथ धीमी है।
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इतना रहा घाटा
पिछले वित्त वर्ष में वॉलमार्ट इंडिया की बिक्री 4,095 करोड़ रुपये हुई थी और नेट घाटा 171.6 करोड़ रुपये था। बता दें कि वॉलमार्ट इंडिया के बेस्ट प्राइस स्टोर्स का मार्च 2019 तक घाटा 2,180.8 करोड़ रुपये था।
वॉलमार्ट के प्रवक्ता ने दिया बयान
हालांकि अधिकारियों की छंटनी व नए स्टोर नहीं खोलने पर कंपनी ने कोई टिप्पणी नहीं की है। कंपनी के वॉलमार्ट के प्रवक्ता ने कहा है कि, ‘हम हमेशा अधिक कुशलता से कामकाज करने के तरीके खोजते हैं। इसमें कॉर्पोरेट स्ट्रक्चर की समीक्षा करने की जरूरत होती है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हम अपने ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सही रास्ते पर हैं।’
अप्रैल में हो सकती है दोबारा छंटनी
इतना ही नहीं, इस साल कंपनी में और लोगों की भी छंटनी हो सकती है। इस संदर्भ में सूत्र ने बताया कि, ‘यह छंटनी का पहला दौर है और हमें अप्रैल तक ऐसा दोबारा होने का अनुमान है। वॉलमार्ट को भारत में ऑफलाइन कैश-एंड-कैरी कारोबार में कोई भविष्य नहीं दिख रहा है। इसलिए कंपनी के पास कारोबार से बाहर निकलना या मर्जर ही दो विकल्प हैं।’