मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश में स्कूल खोलने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा संकेत दिया है। आरएसएस के अनुषांगिक संगठन विद्या भारती के कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि 11वीं और 12वीं के 26 जुलाई से 50 परसेंट की क्षमता से स्कूल खोलने के प्रयास किए जाएंगे। 15 अगस्त तक सब ठीक-ठाक रहा तो छोटी क्लास एस के वी स्कूल खोले जाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कोचिंग संस्थाओं को भी खोलने की अनुमति जल्द देने की बात कही है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि नागरिकता के संस्कार देना भारतीय परंपरा रही है। सरस्वती शिशु मंदिरों में संस्कार देने का काम किया जा रहा है। बच्चों को देश भक्त, कर्मठ बनाया जा रहा है। उन्हें नागरिकता के संस्कार देने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इतिहास को गलत तरीके से पढ़ाने की कोशिश हुई है। अधूरा ज्ञान देने का कार्य किया गया है। 1959 में पहला विधायक सरस्वती शिशु मंदिर का संचालन शुरू हुआ अच्छे नागरिकों को बनाने का काम किया जा रहा है। इस तरह की शिक्षा सिर्फ सरकार नहीं दे सकती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा मिलनी चाहिए चाहे कैसे भी। शिक्षा सिर्फ अफसर तय करेंगे, यह नहीं चलेगा। इसलिए हमने मंत्रियों के शिक्षा समूह बनाया है। आजकल अजीब बात है कि छात्र मेहनत का काम कर रहे तो मीडिया की सुर्खियां बन जाता है। हमें जरूरत है परिश्रम की। सरकारी शिक्षा ही सिर्फ बेहतर नहीं है।
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अनऎडेड एसोसिएशन के सचिव बाबू थॉमस ने बताया कि सरकार ने सोसायटी फॉर प्राइवेट स्कूल डायरेक्टर्स मप्र (सोपास) और अनऎडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन से 1 दिन पहले स्कूल खोले जाने को लेकर चर्चा की थी। यह बातचीत शिक्षा सचिव जयश्री कियावत से हुई थी। उन्होंने स्कूल खोलने के लिए 1 सप्ताह का समय मांगा तथा अनीश मांगों को सहानुभूतिपूर्वक पूरा करने का आश्वासन दिया था। महासचिव सोपास प्रवीण मणिकर ने कहा कि हम एक सप्ताह तक आदेश की प्रतीक्षा करेंगे उसके बाद आगे विचार किया जाएगा।