इटावा। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रमुख शिवपाल सिंह का यूपी विधान सभा चुनाव को लेकर बड़ा बयान समाने आया है। उन्होंने सपा का नाम लिए बगैर विधान सभा चुनाव को लेकर युद्ध की धमकी दे डाली। 12 अक्टूबर से मथुरा से शुरू होने वाली प्रसपा की सामाजिक परिवर्तन रथ यात्रा की शुरुआत को लेकर शिवपाल ने अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर कहा कि, अब बहुत हुआ इंतजार, अब तो युद्ध होगा। वहीं, लखीमपुर घटना को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी पर जमकर निशाना साधते हुए उन्हें हिस्ट्रीशीटर अपराधी बता डाला। उन्होंने कहा कि, गृह मंत्री ऐसा होगा तो वहां क्या हाल होगा।
शिवपाल ने अखिलेश पर साधा निशाना
बता दें कि इटावा में देर शाम एक मॉल का शुभारंभ करने पहुंचे प्रगतिशील समाजवादी पार्टी प्रमुख शिवपाल सिंह यादव ने बुनकर समाज को संबोधित करते हुए बातों बातों में अखिलेश यादव एवं समाजवादी पार्टी का नाम लिए बगैर जमकर निशाना साधा। साथ ही विधानसभा चुनाव को लेकर भतीजे अखिलेश को युद्ध की धमकी भी दे डाली। शिवपाल सिंह ने मंच से लोगों को संबोधित करते हुए एक बार फिर भावुकता में भाषण देते हुए कहा, मैं तो इंतजार करते करते थक गया अब तो युद्ध ही होना है, इसलिए अब हम निकल पड़े हैं। 12 नवंबर को मथुरा श्रीकृष्ण की कर्मभूमि से रथ यात्रा लेकर, जिस तरह पांडवों ने महाभारत के युद्ध में केवल 5 गांव मांगे थे, पूरा राज्य उनपर छोड़ दिया था, उसी तरह हमने भी केवल अपने साथियों का सम्मान मांगा था, मुझे सम्मान दो, ना दो हमने तो बहुत कुछ पा लिया है। मंत्री भी रहा, अध्यक्ष भी रहा और अब राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बन गया हूं। मैंने तो 22 नवम्बर 2020 में कहा था कि, अगर कहोगे तो हम नहीं लड़ेंगे लेकिन अभी तक जवाब नहीं आया, आज भी मैंने फोन और मैसेज किया था कि, बात कर लो भाजपा को हराने के लिए बात करना ज़रूरी है।
भाजपा को हटाने के लिए सब एक हो जाओ
शिवपाल यादव ने कहा कि, भाजपा को हटाने के लिए सब एक हो जाओ, मुझे सम्मान मिले न मिले लेकिन मेरे साथियों को सम्मान मिले। मुझे अलग कर दिया। नेता जी नहीं चाहते थे, उसके बावजूद भी मुझे अलग कर दिया। मैंने कहा था कि, सब एक हो जाओ अगर एक हो जाओगे तो अखिलेश तुम मुख्यमंत्री बन जाओगे.
जीत के लिए लोगों को जोड़ना जरूरी
वहीं, शिवपाल सिंह ने कहा कि, सरकार बनाने के लिए लोगों को जोड़ना जरूरी है। अकेले सरकार नहीं बनाई जाती। उन्होंने पिछले उदाहरण देते हुए कहा कि, उन्होंने शरद यादव से लेकर लालू प्रसाद यादव, जॉर्ज फर्नांडिस जैसे पुराने दिग्गज समाजवादी धुरंधरों को जोड़ने का काम किया था। साथ ही पूर्वांचल में अंसारी बंधुओं को भी जोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन तब लोगों ने इसका विरोध कर लड़ाई शुरू कर दी थी।