नई दिल्ली । महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री शरद पवार (Sharad Pawar) ने परमबीर और अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) के प्रकरण में कहा कि परमबीर के पत्र में यह नहीं लिखा गया है कि पैसा किसके पास गया। उन्होंने कहा कि पत्र पर दस्तखत भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि कैबिनेट के मंत्री के इस्तीफे का फैसला सीएम उद्धव ठाकरे को करना है।
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर से बरामद हुई विस्फोटक लदी कार, मनसुख हिरेन की मौत और अनिल वाजे की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र सरकार की लगातार किरकिरी हो रही है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस मामले में जांच कर रही है। इन सबके बीच एक सनसनीखेज प्रकरण में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस मामले में शरद पवार ने कहा कि वाजे की नियुक्ति सीएम और गृह मंत्री ने नहीं की। परमबीर से मेरी बात विस्फोटक सहित बरामद हुई कार के संबंध में हुई थी। उन्होंने कहा कि वाजे की बहाली का फैसला परमबीर ने लिया।
परमबीर सिंह के पत्र में देशमुख पर लगाए गए आरोप के संदर्भ में शरद पवार ने कहा कि परमबीर के पत्र में यह नहीं लिखा गया है कि पैसा किसके पास गया। उन्होंने कहा कि पत्र पर दस्तखत भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।
गौरतलब है कि मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सचिन वाजे को अनिल देशमुख ने वसूली के लिए कहा था। मीडिया रिपोर्ट्स में इस घटनाक्रम को मुकेश अंबानी के घर के बाहर जिलेटिन के साथ बरामद एसयूवी और मनसुख हिरेन की मौत के मामले से जुड़ी अहम कड़ी बताया जा रहा है।
गृह मंत्री का दावा- झूठ बोल रहे परमबीर
परमबीर सिंह का पत्र सामने आने के बाद पलटवार करते हुए देशमुख (Anil Deshmukh) ने ट्वीट किया था कि पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त ने एसयूवी मामले में कार्रवाई और मनसुख हिरेन की मौत से संबंधित मामले में खुद को बचाने के लिए उन पर झूठे आरोप लगाए।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), जो कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली विस्फोटक लदी एसयूवी के मामले की जांच कर रही है, अब ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत की भी जांच करेगी।
इससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार से शुक्रवार को नई दिल्ली में मुलाकात की। इस दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रदेश प्रमुख जयंत पाटिल और अन्य लोग भी उपस्थित थे। लगभग दो घंटे के बाद बैठक से बाहर आते हुए, देशमुख ने कहा कि उन्होंने एंटीलिया बम मामले की चर्चा की।
देशमुख ने बताया कि एनआईए और एटीएस मामले की गहराई से जांच कर रहे हैं। राज्य सरकार एनआईए को पूरा सहयोग कर रही है। दोनों जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी।
हालांकि, उन्होंने एक सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि क्या हालिया घटनाक्रम से मुंबई और राज्य पुलिस बलों का मनोबल गिर गया है। बुधवार को क्राइम ब्रांच एपीआई वाजे की गिरफ्तारी की गिरफ्तारी की गई थी।
क्या है मामला
गौरतलब है कि 25 फरवरी को अंबानी की एंटीलिया इमारत के बाहर एक लावारिस एसयूवी मिली थी, जिसमें जिलेटिन की 20 छड़ें बरामद हुईं। आरोप है कि एसयूवी में वाजे ने ही जिलेटिन रखा था। इन्हीं आरोपों के सिलसिले में वाजे एनआईए और महाराष्ट्र आतंकवाद विरोधी दस्ते (एटीएस) की जांच के घेरे में हैं। इस घटना के बाद पांच मार्च को ठाणे के व्यापारी मनसुख हिरेन की मौत हो गई थी।
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने के मामले से निपटने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे मुंबई पुलिस के आयुक्त परमबीर सिंह का बुधवार को तबादला कर दिया था। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नागराले सिंह की जगह मुंबई पुलिस के नए आयुक्त होंगे। सिंह का राज्य के होमगार्ड विभाग में तबादला कर दिया गया है।
मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को इस मामले में कथित भूमिका के चलते 13 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था। वह हाल तक मुंबई पुलिस की अपराध शाखा की अपराध खुफिया इकाई से संबद्ध थे।
अधिकारी ने कहा कि एनआईए ने वाजे द्वारा इस्तेमाल की गई एक मर्सिडीज कार को मंगलवार को जब्त करके उसमें से पांच लाख रुपये बरामद किये थे। साथ ही जांच एजेंसी ने उनके कार्यालय में तलाशी के दौरान लैपटॉप, आईपैड और मोबाइल फोनों जैसे इलैक्ट्रोनिक सामान और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किये थे।