पंजाब कांग्रेस में घमासान खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपने-अपने खेमे के नेताओं के साथ बैठक करने में जुट गए हैं। मीडिया को नवजोत सिंह सिद्धू खेमे की मीटिंग की खबर लगने के बाद सिद्धू खेमे से जुड़े तमाम विधायक मंत्री और नेता चंडीगढ़ के सेक्टर 39 स्थित कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के घर से अपनी-अपनी गाड़ियों में निकले। सूत्रों के मुताबिक, किसी अज्ञात जगह पर नए सिरे से मीटिंग की जाएगी। नवजोत सिंह सिद्धू की बैठक के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी अपने मोहाली के सिसवां स्थित फॉर्म हाउस पर अपने करीबी विधायकों, मंत्रियों और सांसदों की आपात बैठक बुलाई है।
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने पार्टी की पंजाब इकाई में चल रही कलह के जल्द खत्म होने का संकेत देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इस संकट के समाधान के लिए फार्मूला जल्द सामने आएगा और मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह एवं पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू साथ काम करेंगे। पार्टी के पंजाब प्रभारी रावत ने यह भी कहा कि अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री के तौर पर काम करते रहेंगे और उनके इस पद पर रहते हुए कांग्रेस चुनाव में उतरेगी।
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम एक ऐसे फार्मूले पर काम कर रहे हैं जिससे मुख्यमंत्री और सिद्धू दोनों मिलकर काम करें।’’ सूत्रों का कहना है कि सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया जा सकता है और उनके साथ एक दलित और एक हिंदू नेता को कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जा सकती है ताकि सियासी संकट को खत्म करने के साथ जातीय एवं क्षेत्रीय समीकरण को भी साधा जा सके।