शाहीन बाग

शाहीन बाग मामले में अदालत की तीखी टिप्पणी, मध्यस्थ नियुक्त हुए दोनों वकील

773 0

नई दिल्ली। आज सोमवार को शाहीन बाग मामले में उच्चतम न्यायालय ने एक बार फिर से सुनवाई पूरी की हैं। इस बार की सुमवाई के दौरान अदालत ने तीखी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि लोगों के पास अपनी आवाज समाज तक पहुंचाने का अधिकार है। हम अधिकारों की रक्षा के विरोध के खिलाफ नहीं है।

कोर्ट ने कहा लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति से ही चलता है लेकिन इसकी एक सीमा है। अगर सभी सड़क बंद करने लगे तो परेशानी खड़ी हो जाएगी। यातायात नहीं बंद होना चाहिए। आप दिल्ली को और उसके ट्रैफिक को जानते हैं। यह मामला जनजीवन को ठप करने की समस्या से जुड़ा है।

अदालत ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शकारियों से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें प्रदर्शनकारियों से बात करके प्रदर्शनस्थल बदलने के लिए मनाने को कहा है। इसके लिए उन्हें एक हफ्ते का समय दिया गया है।

अदालत ने दोनों वकीलों से कहा है कि यदि वह चाहें तो वजाहत हबीबुल्ला को अपने साथ ले सकते हैं। साथ ही अदालत ने केंद्र, दिल्ली पुलिस और सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए कहा है। अब अगली सुनवाई सोमवार 24 फरवरी को होगी।

सभी सड़क पर उतर जाएं तो क्या होगा?

सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि यदि सभी लोग सड़क पर उतर जाएंगे और प्रदर्शन के लिए सड़क बंद कर देंगे तो क्या होगा? इसे जारी रहने नहीं दिया जा सकता। अधिकारों और कर्तव्य के बीच संतुलन जरूरी है। लोगों के पास प्रदर्शन करने का हक है लेकिन सड़क प्रदर्शन करने की जगह नहीं है। केवल इसी मामले में नहीं अगर दूसरे मामले में भी सड़क बंद करके इस तरह प्रदर्शन करते हैं तो अफरातफरी मचेगी।

ईएसी-पीएम की अंशकालिक सदस्य आशिमा ने बजट 2020 को बताया निराशाजनक 

संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन बने मध्यस्थ

अदालत ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए मध्यस्थ नियुक्त किया है। उन्हें प्रदर्शनकारियों को अपने प्रदर्शन को कहीं और ले जाने के लिए मनाने की जिम्मेदारी दी गई है। अदालत ने इसके लिए उन्हें एक हफ्ते का समय दिया गया है। शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने मध्यस्थता के विकल्प को स्वीकार कर लिया है। इसके अलावा अदालत ने केंद्र, दिल्ली पुलिस और सरकार को प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए कहा है।

महिलाओं और बच्चों को ढाल के तौर पर आगे करते शाहीन बाग प्रदर्शनकारी

अदालत में सुनवाई के दौरान सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि शाहीनबाग के प्रदर्शनकारी महिलाओं और बच्चों को ढाल के तौर पर आगे करते हैं। अदालत ने कहा कि विरोध प्रदर्शन करना मौलिक अधिकार है लेकिन ये भी कुछ प्रतिबंधों के अधीन है। यदि हमारे प्रयास सफल नहीं होते हैं तो हम इस मामले को प्रशासन पर छोड़ देंगे। ऐसा संदेश नहीं जाना चाहिए कि पुलिस प्रदर्शनकारियों के सामने झुक गई है।

Related Post

CM Yogi in Tripura

अगले वर्ष रामलला के दर्शन करने आइए, उप्र आपके स्वागत को तैयार रहेगा : योगी

Posted by - February 8, 2023 0
फटीकराय/सूर्यमणि नगर/मजलिशपुर। त्रिपुरा में दो दिवसीय दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बुधवार को तीन जनसभाओं में…
CM Nayab Singh

डोर-टू-डोर कचरा उठाने के लिए 50 नए वाहनों को मुख्यमंत्री ने दिखाई हरी झंडी

Posted by - June 27, 2024 0
गुरुग्राम। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (CM Nayab Singh Saini) ने गुरुवार को गुरुग्राम में सफाई व्यवस्था को और दुरुस्त करने…
CM Vishnudev Sai

केंद्रीय मंत्री खट्टर और मुख्यमंत्री साय ने विभागों के कामकाज की समीक्षा की

Posted by - July 10, 2024 0
रायपुर। केंद्रीय विद्युत और शहरी आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) आज बुधावार काे छत्‍तीसगढ़ दौरे पर हैं।…
Rajnath Singh

रक्षा मंत्री पहुंचे देहरादून, माणा और औली में सैनिकों संग मनाएंगे दशहरा

Posted by - October 4, 2022 0
देहरादून। उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) मंगलवार शाम देहरादून पहुंचे। वे यहां सैनिकों…