केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और एआईयूडीएफ पर घुसपैठियों के लिए सीमाओं को खोलने के लिए सत्ता में आने के वास्ते बेकरार होने का बुधवार को आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) असम को फिर से घुसपैठियों का अड्डा नहीं बनने देगी।
उन्होंने एआईयूडीएफ प्रमुख बदरुद्दीन अजमल से कड़े शब्दों में कहा कि भाजपा पिछले पांच वर्षों के दौरान उनके द्वारा अतिक्रमण की गई जमीन को सफलतापूर्वक मुक्त कराने के बाद असम को फिर से घुसपैठियों का अड्डा नहीं बनने देगी।
अजमल ने कथित तौर पर दावा किया था कि राज्य में अगली सरकार के गठन का ताला और चाबी (एआईयूडीएफ का चुनाव चिह्न) उनके हाथ में है। इस पर तंज करते हुए, शाह ने कहा कि जनता तय करेगी कि असम में सरकार कौन चलाएगा।
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शाह ने चिरांग जिले के बिजनी में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, कान खोल कर सुन लो अजमल, असम को घुसपैठियों का अड्डा फिर से नहीं बनने देंगे। उन्होंने कहा कि अजमल दावा करते हैं कि अगली सरकार बनाने का ताला और चाबी उनके हाथों में है और वह तय करेंगे कि असम में अगली सरकार कौन बनाएगा, लेकिन उन्हें इस बात का पता नहीं है कि ताला और चाबी असम की जनता के हाथ में है। शाह ने कांग्रेस पर घुसपैठ रोकने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, हमें और पांच साल दे दीजिए, घुसपैठी तो क्या, परिंदे भी घुस नहीं सकेंगे।
शाह ने बुधवार को कामरूप (ग्रामीण) में हाजो और कामरूप (महानगर) जिले के दिसपुर में भी जन सभाओं को संबोधित किया। सोनापुर में एक रैली को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि अगर कांग्रेस और अजमल की सरकार बनती है, तो घुसपैठ पर कोई रोक नहीं होगी और वे घुसपैठ करने के लिए सीमाओं के ताले खोलने की उम्मीद के साथ सत्ता में आना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हालांकि, चाबियां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों में रहेंगी और वह एक भी अवैध व्यक्ति को अंदर नहीं आने देंगे। इसलिए (बदरुद्दीन) अजमल मियां, आप दिन में सपना देखना बंद कीजिए।
उन्होंने कहा कि (कांग्रेस के) पूर्व मुख्यमंत्री, तरूण गोगोई ने अजमल को खारिज करते हुए कहा था कि कौन है अजमल लेकिन अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी का कहना है कि एआईयूडीएफ असम की पहचान है।
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बुधवार को चुनावी रैलियां करने राज्य के दौरे पर आये गांधी पर शाह ने आरोप लगाया कि वह (गांधी) अजमल के असम की पहचान होने के बारे में बात कर रहे हैं जबकि यह राज्य वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव, भारत रत्न गोपीनाथ बोरदोलोई और भूपेन हजारिका का हैं जो असम की पहचान का प्रतिनिधित्व करते हैं और कांग्रेस तथा अजमल को इसे बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने दावा किया कि केन्द्र और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की डबल इंजन सरकार ने सफलतापूर्वक राज्य में हिंसा और आंदोलन के दौर को समाप्त किया और राज्य को विकास के मार्ग पर ले गये।
शाह ने कहा, पांच साल पहले, मैं पार्टी अध्यक्ष के रूप में आपके पास आया था और असम को हिंसा और आंदोलन से मुक्त करने तथा विकास सुनिश्चित करने का वादा किया था। उन्होंने कहा, हमने अपने वादे पूरे किए हैं तथा हमें और पांच साल दिए जाते हैं तो हम राज्य को घुसपैठ मुक्त और बाढ़ मुक्त बनाएंगे।
उन्होंने कांग्रेस पर उग्रवाद की समस्या का समाधान नहीं करने का आरोप लगाया,। उन्होंने कहा कि उग्रवाद की वजह से कई लोगों की मौत हो गई, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बोडो समझौते पर हस्ताक्षर के लिए पहल की, जिससे राज्य में स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त हुआ। उन्होंने कहा, अब असम के लोगों को यह तय करना है कि वे मोदी जी के आत्मनिर्भर असम के लिए या मौलाना निर्भर असम के लिए मतदान करना चाहते हैं।
शाह ने कहा, लोगों को आपस में लड़ाना और बांटना यह कांग्रेस की संस्कृति है। दूसरी ओर, प्रधानमंत्री सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास में विश्वास करते हैं और सभी लोगों को, चाहे वे किसी भी समुदाय या धर्म के हों, सरकारी योजनाओं का लाभ देते है।