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मिसाल : एसडीएम सौम्या पांडेय 14 दिन की बेटी को लेकर ड्यूटी पर लौंटीं

SDM Soumya Pandey

SDM Soumya Pandey

नई दिल्ली। गाजियाबाद जिला के मोदीनगर के एसडीएम ने ड्यूटी के प्रति समर्पण की नई मिसाल पेश की है। जिले में कोरोना के लिए नोडल अधिकारी के रूप में तैनात एसडीएम सौम्या पांडेय (SDM Soumya Pandey) ने 14 दिन पहले ही एक बेटी को जन्म दिया है। सौम्या ने मातृत्व के साथ-साथ अपना कर्तव्य को निभाते हुए अपने नवजात के संग ड्यूटी पर लौट और जिम्मेदारी संभाल ली है।

सौम्या पांडेय ने बताया कि मैं एक आईएएस अधिकारी हूं। इसलिए मुझे अपनी ड्यूटी को देखना होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण सभी पर एक जैसी जिम्मेदारी है। भगवान ने महिलाओं को अपने बच्चे को जन्म देने और देखभाल करने की शक्ति दी है। ग्रामीण भारत में, महिलाएं प्रसव के निकट दिनों में गर्भावस्था में अपनी गृहस्थी और अपने जीवनयापन से संबंधित काम करती हैं। बच्चे को जन्म देने के बाद वे उसकी देखभाल करती हैं। अपने काम और घर का प्रबंधन भी करती हैं। इसी तरह, यह भगवान की आशीर्वाद है कि मैं अपने तीन हफ्ते की बच्ची के साथ अपना प्रशासनिक काम करने में सक्षम हूं।

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उन्होंने कहा कि मेरे परिवार ने इसमें मेरा बहुत समर्थन किया है। मेरी पूरी तहसील और गाजियाबाद जिला प्रशासन, जो मेरे लिए एक परिवार की तरह है। उन्होंने मुझे गर्भावस्था और प्रसव के बाद पूरा समर्थन दिया है। जिला मजिस्ट्रेट और प्रशासन के कर्मचारियों ने मुझे गर्भावस्था के दौरान और मेरी डिलीवरी बाद में भी मेरा समर्थन किया।

एसडीएम ने कहा कि जुलाई से सितंबर तक, मैं गाजियाबाद में कोरोना ​​के लिए नोडल अधिकारी थी। सितंबर में मुझे अपने ऑपरेशन के दौरान 22 दिनों की छुट्टी मिली। डिलीवरी के दो हफ्ते बाद मैं तहसील ज्वाइन कर ली है। सौम्या पांडेय ने कहा कि प्रत्येक गर्भवती महिला को कोविड-19 महामारी के दौरान काम करते समय आवश्यक सावधानी बरतनी चाहिए।

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