सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को झटका देते हुए उस अधिसूचना पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि जिन अस्पतालों के पास भवन उपयोग की अनुमति नहीं है, उनपर कार्रवाई नहीं की जाएगी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने गुजरात में कोरोना के दौरान कई कोविड अस्पतालों में आग लगने के मामले में राज्य सरकार को जमकर फटकार लगाई। आग लगने की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा-सरकार का कर्तव्य कोरोना से लोगों को बचाना है, लेकिन यह आग लगाकर मार देना चाहती है।
दरअसल गुजरात सरकार ने 8 जुलाई को जारी अधिसूचना में कहा था कि जिन अस्पतालों के पास भवन उपयोग की अनुमति नहीं है, उन पर अगले साल मार्च तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। पीठ में शामिल जस्टिस चंद्रचूड़ ने भी कहा कि सरकार को ऐसी अवैध इमारतों में अस्पताल चलाने की अनुमति नहीं देनी चाहिए। नोटिफिकेशन 8 जुलाई 2021 को जारी किया गया था।
इसमें कहा गया था कि बिल्डिंग यूज परमिशन लेने के लिए 31 दिसंबर 2021 से लेकर तीन महीने तक इसमें छूट होगी। गुजरात के अस्पताल में आग लगने की घटना के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया था।सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि हम भारतीय समाज की तमाम बीमारियां तो ठीक नहीं कर सकते, लेकिन बतौर जज हम जो भी कानून का राज स्थापित करने के लिए हो सकता है करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह मरीज को देखे।
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सभी राज्य सरकारों ने जगहों को अस्पताल में कन्वर्ट किया है। लेकिन, इस नाम पर लोगों के जीवन को खतरे में डालने का जस्टिफिकेशन नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिल्डिंग डेवलपमेंट, अथॉरिटी और कानून लागू कराने वाली एजेंसी के बीच माफिया लिंक है। लोग पीड़ित हो रहे हैं। हम इसे नहीं बर्दाश्त करेंगे।