कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों पक्ष अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। किसानों का कहना है कि सरकार को MSP पर कानून बनाना होगा, वहीं सरकार का कहना है कि वह लिखित तौर पर एमएसपी लागू करने के लिए तैयार है। इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने आरोप लगाया है कि सरकार की तरफ से किसानों को एमएसपी देने में काफी समय से फर्जीवाड़ा किया जा रहा है।
टिकैत ने आरोप लगाया कि जहां पर दूसरी इमारतें हैं उन जगहों को खेत दिखाकर सरकार को एमएसपी पर फसल बेची गईं और सरकारी खरीद के नाम पर घोटाला किया गया। भाकियू नेता ने इस मामले में बड़ा खुलासा करने का दावा करते हुए कहा, “हम इसका दस्तावेज आपको देंगे।”
भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार को एक टीवी चैनल से बातचीत करते हुए आरोप लगाया है कि फसलों की सरकारी खरीद में बड़ा घोटाला किया गया है। टिकैत ने कहा कि जहां पर स्कूल हैं, जहां पर दूसरी बिल्डिंग्स खड़ी की गई हैं। उन जगहों को खेत दिखाकर सरकार को MSP पर उपज बेची गईं और सरकारी खरीद के नाम पर बड़ा घोटाला किया गया।
टिकैत ने इस मामले में बड़ा खुलासा करने का दावा करते हुए कहा कि, ‘हम इसका दस्तावेज आपको देंगे। वहां पर जिन जगहों पर स्कूल और इमारत बने हुए हैं, वहां पर खेती दिखाई जा रही है। उसके नाम से गेहूं और धान तौले जाते हैं। हम पूरा खसरा नंबर, पूरे फोन नंबर, उन लोगों के नाम, जिनके नाम पर एक बीघा जमीन भी नहीं है। उनके नाम से फर्जी तरीके से ऐसा हो रहा है, ये MSP है। हम चाहेंगे कि सरकार इसकी जांच करे।’
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टिकैत ने आगे कहा कि, ‘गेहूं 80 फीसदी फर्जी तुलता है, 20 फीसदी किसान का तुलता है। धान 95 फीसद फर्जी तुलती है और 5 फीसद किसान को तुलती है।’ उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में हमने डॉक्यूमेंट इकट्ठा कर लिए हैं और सभी दस्तावेज प्रेस को दिए जाएंगे।