नई दिल्ली। अरब देशों का मंगल ग्रह पर पहला अभियान इसी माह से लांच होने जा रहा है। यह संयुक्त अरब अमीरात के अंतरिक्ष कार्यक्रम का अगला कदम है। इस मानवरहित प्रोब का नाम ‘अल-अमल’ है जिसका अरबी में अर्थ होता है उम्मीद।
यूएई के मार्स मिशन में साइंस लीड होप प्रोब की डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सारा अली अमीरी हैं
बता दें कि तनेगाशिमा के जापानी द्वीप से इस मिशन की शुरुआत होगी। उन्नत प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री और यूएई के मार्स मिशन में साइंस लीड होप प्रोब की डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर सारा अली अमीरी हैं। उन्होंने कुशलतापूर्वक इस मिशन की कमांड अपने हाथ में ले रखी है।
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मिशन की टीम ने रोज लगभग 12 घंटे काम किया
सारा के अनुसार इस मिशन पर पिछले छह सालों से काम चल रहा था। मिशन की टीम ने रोज लगभग 12 घंटे काम किया है। वह मानती हैं कि इस मिशन को पूरा करने में उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। वहीं इन चैलेंज से मिशन की टीम को बहुत कुछ सीखने को भी मिला है। सारा को इस प्रोजेक्ट का हिस्सा बनने पर गर्व है।
इस अभियान से यह पता लगाया जाएगा कि लाल ग्रह से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन खत्म होने की वजह क्या रही है?
जापानी रॉकेट से इसे ले जाया जाएगा। इसमें मंगल के वातावरण का आंकलन करने के लिए तीन प्रकार के सेंसर हैं जिसमें ग्रह की धूल और ओज़ोन को मापने के लिए हाई-रिज़ोल्यूशन मल्टीबैंड कैमरा है। इस अभियान में मंगल के वातावरण के विभिन्न स्तरों से लेकर इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि लाल ग्रह से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन खत्म होने की वजह क्या रही है?
यान के 2021 की पहली तिमाही में मंगल पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है
बता दें कि यान के 2021 की पहली तिमाही में मंगल पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है। साराह अल-अमीरी कहती हैं कि जो युवा स्पेस इंजीनियरिंग में अपना भविष्य बनाना चाहते हैं, उन्हें ये परियोजना प्रोत्साहित करेगी। उनके अनुसार लाल ग्रह पर यूएई का अंतरिक्ष यान तब पहुंचेगा जब वह अपने गठन के 50 साल का जश्न मनाएगा।