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संसदीय समिति ने रविशंकर प्रसाद और शाशि थरूर के अकाउंट लॉक होने पर मांगा जवाब

नए आईटी नियमों को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और भारत सरकार के बीच तनातनी चल रही है। यह गतिरोध पिछले कई महीनों से चल रहा है। इस बीच सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के संसद की स्थायी समिति ने मंगलवार को बैठक बुलाई है। इस बैठक में संसदीय स्थायी समिति ने गूगल, फेसबुक और ट्विटर के अधिकारों को भारत के आईटी रूल का पालन करने का निर्देश दिया है।

सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में समिति के सामने फेसबुक ने जवाब दाखिल किया है। सूचना व प्रौद्योगिकी से संबंधित संसद की स्थायी समिति ने केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और कांग्रेस नेता शशि थरूर का ट्विटर अकाउंट लॉक किए जाने के मामले में दो दिनों के अंदर जवाब मांगा है। एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, समिति ने पूछा है कि रविशंकर प्रसाद और शशि थरूर के ट्विटर अकाउंट क्यों लॉक किए गए थे?

बता दें कि कथित कॉपीराइट उल्लंघन के लिए ट्विटर द्वारा आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद के अकाउंट बंद करने के बाद संसदीय पैनल के चेयरमैन शशि थरूर ने कहा था कि उनके साथ भी ऐसा ही हुआ था। थरूर ने समिति को निर्देश दिया था कि रविशंकर प्रसाद और उनके अकाउंट पर रोक लगाने को लेकर ट्विटर से जवाब मांगा जाए। इस बाबत अब ट्विटर से दोनों के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया है।

बता दें कि ट्विटर ने शुक्रवार 25 जून को एक घंटे के लिए कानून और रविशंकर प्रसाद का अकाउंट ब्लॉक कर दिया था और इसके लिए अमेरिका के कानूनों का हवाला दिया था। वहीं, IT मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि ट्विटर भारत को लेकर दोहरा रवैया रखता है। ट्विटर की मंशा ठीक नहीं लगती है।

सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति ने फेसबुक, गूगल और ट्विटर को नए आईटी नियमों का पालन करने और देश के नियमों का पालन करने को कहा है। इस पर फेसबुक ने भी समिति के सामने जवाब दाखिल किया है।सूत्र बता रहे हैं कि संसद की स्थायी समिति ने पूछा कि पीछे कुछ दिनों में क्या-क्या एक्शन लिए गए इस पर फेसबुक ने कहा कि जिन जिन पर एक्शन लिए गए, कार्यवाई की गई अकाउंट्स पर उनपर विस्तृत रिपोर्ट 15 जुलाई तक रिपोर्ट देंगे। समिति ने साफ कहा है कि आईटी एक्ट 2021 के पालन करना होगा।

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