कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है, इस बीच संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा था कि जब तक कानून वापस नहीं ले लेती तब तक हम सब घर वापस नहीं लौटेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने ट्वीट के जरिए लिखा कि संसद अगर अहंकारी और अड़ियल हो तो देश में जनक्रांति निश्चित होती है।
इससे पहले उन्होंने बताया था कि किसान आंदोलन को और तेज करने के लिए पांच सितंबर को एक बड़ी पंचायत की जाएगी। उन्होंने सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा था कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन सरकार को वोट की चोट देंगे।
संसद अगर अहंकारी और अड़ियल हो तो देश में जनक्रांति निश्चित होती है।#farmersprotest_atparliament @AHindinews @PTI_News @htTweets @abhisar_sharma @Kisanektamorcha @ABPNews @aajtak @news24tvchannel @ndtv @the_hindu @thewire_in @bstvlive @QuintHindi @OfficialBKU pic.twitter.com/7skPYXleJl
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) July 13, 2021
जो पोस्टर राकेश टिकैत ने जारी किया है उसपर लिखा हुआ है कि किसान 22 जुलाई को संसद के बाहर प्रदर्शन करेंगे। इस पोस्टर में संसद भवन की फोटो लगाई गई है, साथ ही एक ओर गेंहू की बालियां भी दिखाई गई है। उसके नीचे बैकग्राउंड में किसानों का विरोध प्रदर्शन करते हुए फोटो भी लगाया गया है। इसी पोस्टर में प्रदर्शन की तारीख 22 जुलाई लिखी गई है, सबसे नीचे हैशटैग करते हुए किसानों का संसद भवन पर प्रदर्शन लिखा गया है। बता दें कि संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हो रहा है। संसद के अंदर भी किसानों के मुद्दों पर विपक्षी सांसदों का हंगामा देखने को मिल सकता है।
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मोर्चा के सदस्यों की तरफ से कहा गया था कि पूरे मॉनसून सत्र के दौरान हर दिन विपक्षी पार्टियों को एक वार्निंग लेटर भेजा जाएगा। इस लेटर के जरिए संसद के अंदर बैठे विपक्षी पार्टियों के सदस्यों से कहा जाएगा कि वो संसद में किसानों की आवाज को उठाएं। इसके अलावा यह भी कहा गया था कि अलग-अलग किसान संगठनों के 5 सदस्य संसद के बाहर हर रोज प्रदर्शन करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक किसानों के मांग के समर्थन में संसद के बाहर करीब 200 किसान हर रोज प्रदर्शन करेंगे।