नई दिल्ली। बेटियां अब घर के दहलीज से बाहर निकल शासन के दरवाजों पर दस्तक देती दिख रही हैं। छोटे कस्बे से निकली बेटियां भी नए मानक स्थापित कर रही हैं। बचपन से पिता और माता के शासन में पली बढ़ीं ये बेटियां अब शासन में पहुंचकर जनता तक योजनाओं को सही ढंग से पहुंचाने को कटिबद्ध हैं।
पुरुषों के मुकाबले कहीं अधिक संवेदनशील ये महिला अधिकारी जनता की समस्या को न केवल दिमाग से बल्कि दिल से हल करने की कोशिश कर रही हैं। दिल्ली के चाणक्यपुरी जैसे वीवीआईपी क्षेत्र में पली-बढ़ीं 27 वर्षीय प्रेरणा सिंह कांठ तहसील में एसडीएम हैं। 2017 बैच की आईएएस प्रेरणा बताती हैं कि बचपन से ही उन्हें काफी लाड़ प्यार मिला है। इलेक्ट्रॉनिक्स कम्यूनिकेशन में अपनी स्नातक की शिक्षा पूर्ण की। उसके बाद ही सरकारी सेवा की ओर रुख किया। पहले ही प्रयास में आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण किया।
एटा, कानपुर में प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद अगस्त 2019 में कांठ में एसडीएम के तौर पर तैनाती मिली। प्रेरणा सिंह कहती हैं कि जिस माहौल में परवरिश हुई उसके मुकाबले फील्ड पर काफी अंतर है। मेरा प्रयास है कि प्रशिक्षण के दौरान जो सपने हमने देखे हैं उनको सेवा के दौरान लागू करके जनता की अधिक से अधिक सेवा करूं। उन्होंने कहा कि बेटियां अपनी शिक्षा पर ध्यान दें। आत्मनिर्भर बनें, आने वाला युग उनका है।