रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnudev Sai) की पहल पर छत्तीसगढ़ की जनता काे एक और नई सुविधा मिलने जा रही है। प्रदेशा के सभी पंजीयन कार्यालयों में लोगों को अपने भूमि-मकान आदि के एनजीडीआरएस प्रणाली में पंजीयन के समय ऑनलाईन अपॉइंटमेंट लेने के पूर्व ही नेटबैंकिंग अथवा यूपीआई दोनों तरीके से भुगतान (Online Payment) करने की सुविधा प्रदान की जा रही है।
वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री ओ.पी. चौधरी के निर्देश पर महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक द्वारा लोगों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए पंजीयन विभाग द्वारा ऑनलाईन शुल्क भुगतान की सुविधा को एनजीडीआरएस प्रणाली में जुलाई 2024 से लाईव किया गया है। पक्षकार रजिस्ट्री कराने हेतु ऑनलाईन अपॉइंटमेंट लेने के पूर्व ही नेटबैंकिंग अथवा यूपीआई दोनों तरीके से भुगतान कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि राज्य के सभी पंजीयन कार्यालयों में एनआईसी द्वारा निर्मित एनजीडीआरएस प्रणाली से दस्तावेजों के पंजीयन का कार्य हो रहा है। ऑनलाईन पेमेंट की सुविधा न होने से पंजीयन शुल्क नगद, चेक तथा डीडी के माध्यम से जमा किया जाता रहा हैं। ऑनलाईन शुल्क भुगतान की सुविधा होने से विभाग कैशलेस के साथ पेपरलेस एवं फेसलेस पंजीयन की दिशा में अग्रसर हो सकेगा, जिसमें आधार आधारित वेरिफिकेशन किया जाकर पक्षकारों को घर बैठे ही संपत्ति के क्रय-विक्रय संबंधी विलेखों के पंजीयन की सुविधा प्रदान की जा सकेगी।
पंजीयन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक चरण में आम जनता को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े इसके लिए वर्तमान में ऑनलाईन शुल्क भुगतान के साथ नगद अथवा चेक के माध्यम से फीस लिये जाने की व्यवस्था आगामी आदेश तक जारी रहेगी। ऑनलाईन भुगतान (Online Payment) होने से पक्षकारों को सुविधा के साथ-साथ पंजीयन कार्यालय के कर्मचारियों को भी कैश हैंडलिंग की समस्या से राहत होगी।
अधिकारियों ने यह भी बताया कि दस्तावेज लेखकों, अधिवक्ताओं एवं पंजीयन कार्य से जुडे व्यक्तियों को ऑनलाईन भुगतान के संबंध में आवश्यक जानकारी प्रशिक्षण प्रदाय किया गया है तथा विभाग द्वारा कैशलेश प्रणाली के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए अधीनस्थ पंजीयन कार्यालयों के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। विभाग द्वारा ऑनलाईन पेमेंट (Online Payment) गेटवे के अतिरिक्त पंजीयन कार्यालयों में स्वाईप मशीनों की स्थापना भी की जा रही है। इससे दस्तावेजों का पंजीयन कराने वाले पक्षकारों को सुविधा होगी।