लखनऊ। योगी सरकार (Yogi Government) सेफ सिटी परियोजना (Safe City Project) के तहत 17 नगर निगम और गौतमबुद्धनगर में महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों की सुरक्षा समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लगातार विभिन्न कदम उठा रही है। इसी के तहत महिलाओं के साथ बच्चों, बुजुर्गों एवं दिव्यांगजन के लिए सेफ सिटी ऐप (Safe City App) विकसित किया गया है। इसके साथ ही सेफ सिटी पोर्टल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेज, लोगो और स्लोगन तैयार किया गया है। जल्द ही इन सभी को लांच किया जाएगा।
सुरक्षित शहर हर प्रहर स्लोगन से गूंजेंगे 17 नगर निगम और गौतमबुद्धनगर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की मंशा के अनुरूप सेफ सिटी ऐप (Safe City App) में सरकारी योजनाओं का विवरण और विभिन्न विभाग के लिंक को फीड किया जा रहा है। इसके अलावा ऐप में निकटतम पुलिस बूथ और टाॅयलेट की जानकारी भी फीड की जा रही है ताकि किसी आपात स्थिति में पुलिस सहायता के लिए उन्हें भटकना न पड़े। सेफ सिटी ऐप नगर विकास विभाग की ओर से विकसित किया गया है जबकि फीडिंग का काम चल रहा है। वहीं, यूपी सेफ सिटी लोगो को भी तैयार कर लिया गया है।
यूपी सेफ सिटी (UP Safe City) का लोगो सुरक्षित शहर व सेफ सिटी है, जिसे 17 नगर निगम और गौतमबुद्धनगर के प्रसिद्ध स्मारकों एवं स्थानों पर लगाया जा रहा है। इसी तरह, नगर विकास विभाग ने क्राऊड सोर्सिंग के माध्यम से यूपी सेफ सिटी के स्लोगन के सैकड़ों सुझाव प्राप्त किए हैं। इनमें से पांच विकल्पों को सम्पन्न समीक्षा गोष्ठी में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें प्रस्तुत विकल्पों में से “सुरक्षित शहर हर प्रहर स्लोगन” का चयन किया गया है। इसे अनुमोदन के लिए शासन को भेजा गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर क्रिएट किया गया सेफ सिटी यूपी पेज
सेफ सिटी परियोजना (Safe City Project) के तहत महिलाओं, बुजुर्गों, बच्चों एवं दिव्यांगजनों के लिए संचालित विभिन्न सरकारी स्कीम की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए सेफ सिटी पोर्टल को विकसित किया गया है। इसे विभिन्न सरकारी विभागों से जोड़ने का काम चल रहा है। पोर्टल को यूपीडेस्को के माध्यम से विकसित किया गया है। इसमें विभिन्न विभागों समाज कल्याण, दिव्यांगजन सशक्तिकरण और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को लिंक किए जाने की कार्यवाही चल रही है। इसके अलावा, आमजन में जागरूकता के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सेफ सिटी यूपी पेज को क्रिएट किया गया है।
इसके साथ ही एफएम जिंगल्स, कम्युनिटी रेडियो आदि माध्यम से जागरूकता फैलाना, डायरेक्ट-इनडायरेक्ट मार्केटिंग के साथ संवेदीकरण कार्यक्रम, प्रभावशाली व्यक्तियों की सुरक्षा एवं अधिकारिता को फोकस करते हुए विज्ञापन जारी किए जाएंगे। इसके लिए महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन की ओर से 6 माह का कार्यक्रम तैयार कर सूचना विभाग को उपलब्ध करा दिया गया है।
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वहीं, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने इन कार्यों के लिए 20.17 करोड़ का व्यय विभागीय बजट से करने की अनुमति के लिए शासन काे पत्र लिखा है। इतना ही नहीं, बेटियों को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के लिए लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।