मुम्बई । मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर सुर्खियों में हैं। शहीद हेमंत करकरे को लेकर आपत्तिजनक बयान की वजह से आलोचनाओं का शिकार हुईं साध्वी प्रज्ञा ने इस बार गोमूत्र से कैंसर ठीक होने का दावा किया था।
मुंबई के चुन्न्दिा के डॉक्टरों ने उनके दावे पर सवाल उठाए
साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने गोमूत्र से ब्रेस्ट कैंसर और बीपी का इलाज बताया है। वह दावा करती हैं कि उन्होंने गोमूत्र और पंचगव्य के जरिए कैंसर ठीक किया। उन्होंने कहा कि मैं कैंसर की पेशेंट, मैंने गोमूत्र से और पंचगव्य से बनी औषधियों से अपना कैंसर ठीक किया। वहीं, मुंबई के चुन्न्दिा के डॉक्टरों ने उनके दावे पर सवाल उठाए हैं।
इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि गोमूत्र से कैंसर का इलाज संभव : ऑन्को सर्जन
देश के मशहूर वरिष्ठ ब्रेस्ट ऑन्को सर्जन में से एक और मुंबई स्थित टाटा मेमोरियल सेंटर के डायरेक्टर डॉ. राजेंद्र बाडवे ने कहा कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं है कि गोमूत्र या इस तरह का दूसरी चीजों से कैंसर का इलाज संभव है।
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ऑन्कोलॉजिस्ट का कहना है कि इस दावे पर कोई साइंटिफिक स्टडी नहीं हुई
ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. समीर कौल ने बताया कि ये ‘पंतजलि आयुर्वेद’ के लिए रिसर्च का आदर्श मामला हो सकता है। विज्ञान पर भरोसा करते हुए मैंने चीजों को सिरे से खारिज करना नहीं सीखा है, लेकिन प्रामाणिक साक्ष्य की तलाश करना जरूरी है।
गैस्ट्रोएंटरोलॉजिस्ट डॉ. अश्विनी सेतिया ने बताया कि आयुर्वेद और एलोपैथी दोनों में शोध करने के तौर-तरीके अलग-अलग हैं। पंचगव्य की भूमिका हो सकती है, लेकिन हमें इन दावों का समर्थन करने के लिए विश्वसनीय साक्ष्य चाहिए। अगर पेशेंट लास्ट स्टेज में है, तो डॉक्टर अक्सर रोगियों को बताते हैं कि वे कोई नुकसान नहीं होने पर उपचार के दूसरे तरीकों का पता लगाने के लिए स्वतंत्र हैं।
गोमूत्र, एंटीमाइक्रोबियल गुण और इलाज
गोमूत्र के सूक्ष्मजीवरोधी गुणों को लेकर काफी बातें होती रहती हैं। हाल ही में जूनागढ़ एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी में रिसर्चर ने चार तरह के कैंसर (जिसमें ब्रेस्ट कैंसर शामिल नहीं था) पर कुछ टेस्ट किए। इसमें दावा किया गया कि गोमूत्र (गिर गाय, जिसे देसी गाय भी कहते हैं) कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने और कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने से रोकता है। वहीं जाफराबादी भैंस, जर्सी गाय और होलस्टीन फ्रेशियन के पेशाब के अर्क में ऐसे परिणाम नहीं देखे गए।
भारत में हर आठ में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में
भारत में हर साल करीब एक लाख महिलाओं की मौत ब्रेस्ट कैंसर के कारण होती है, जो किसी भी एशियाई देश में सबसे ज्यादा है और अमेरिका की तुलना में दोगुना है। भारत में हर आठ में से एक महिला ब्रेस्ट कैंसर की चपेट में है। ब्रेस्ट कैंसर के हर दो नए मामलों में एक महिला की मौत हो जाती है। भारत में अपनी सेहत के प्रति लापरवाही बरतना, बीमारी का देर से पता चलना। इसके साथ ही बेहतर हेल्थकेयर सुविधाओं की कमी के कारण महिलाएं जब तक इलाज के लिए पहुंचती हैं। तब तक काफी देर हो चुकी होती है।