नई दिल्ली। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना वायरस को वैश्विक समस्या करार दिया है। इसके साथ ही सार्क देशों के नेतृत्व में एक मजबूत रणनीति बनाए जाने की जरुरत पर बल दिया है। दुनिया के 117 देशों में फैले कोरोना वायरस की महामारी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है।
Our planet is battling the COVID-19 Novel Coronavirus. At various levels, governments and people are trying their best to combat it.
South Asia, which is home to a significant number of the global population should leave no stone unturned to ensure our people are healthy.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 13, 2020
हमारी धरती कोविड-19 नॉवेल कोरोना वायरस से है जूझ रही
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा कि हमारी धरती कोविड-19 नॉवेल कोरोना वायरस से जूझ रही है। सरकारें और आम लोग विभिन्न स्तरों पर इसका मुकाबला करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। दक्षिण एशिया में वैश्विक आबादी की बड़ी आबादी रहती है। ऐसे में हमें ये सुनिश्चित करने में कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए कि हमारे लोग स्वस्थ रहें।
I would like to propose that the leadership of SAARC nations chalk out a strong strategy to fight Coronavirus.
We could discuss, via video conferencing, ways to keep our citizens healthy.
Together, we can set an example to the world, and contribute to a healthier planet.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 13, 2020
उन्होंने एक अन्य ट्वीट संदेश में कहा कि मैं प्रस्ताव करना चाहूंगा कि सार्क देशों के नेतृत्व में कोरोना वायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत रणनीति बनाई जाए। हम अपने नागरिकों को स्वस्थ रखने के तरीके पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा कर सकते हैं। एक साथ, हम दुनिया के लिए एक उदाहरण निर्धारित कर सकते हैं और एक स्वस्थ ग्रह में योगदान कर सकते हैं।
सार्क देशों को एक होकर लड़ने का आह्वान
उल्लेखनीय है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) दक्षिण एशिया के आठ देशों का आर्थिक और राजनीतिक संगठन है। भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, नेपाल, मालदीव, भूटान और अफगानिस्तान इसके सदस्य हैं। संगठन के सदस्य देशों की जनसंख्या (लगभग 1.5 अरब) को देखा जाए तो यह किसी भी क्षेत्रीय संगठन की तुलना में ज्यादा प्रभावशाली है।
पीएम मोदी जानते हैं कि अब इस महामारी से लड़ना है तो दुनिया के देशों को साथ आना पड़ेगा
पीएम मोदी जानते हैं कि अब ये एक देश या क्षेत्र तक सीमित नहीं है, इसलिए इस महामारी से लड़ना है तो दुनिया भर के देशों को साथ आना पड़ेगा। इसलिए अमीर हो या गरीब देश सबकी परेशानी भांपते हुए पीएम मोदी ने इस लड़ाई में सबको साथ ले कर चलने का ऐलान कर दिया है। अब वह दुनिया के पहले ऐसे राजनेता बन गए हैं, जिन्होंने कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया के देशों से पारस्परिक सहयोग का आह्वान किया है। उन्होंने अपील की ये सभी देश हाथ मिला कर दुनिया के सामने उदाहरण प्रस्तुत कर सकते हैं।
दुनिया के शीर्ष देशों के नेताओं से संपर्क में पीएम मोदी
गुरुवार को पीएम मोदी को इज़राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का फोन कॉल आया। दोनों नेताओं के संबंध बड़े अच्छे हैं। इज़राइल ने कोरोना वायरस का तोड़ निकलने का दावा भी कर दिया है। जाहिर है कि चर्चा कोरोना के कंट्रोल पर ही हुई थी। ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉन्सन से भी पीएम मोदी ने बात की। पीएम मोदी ने उनके साथ कोरोना वायरस पर चर्चा की और साथ ही वहां की स्वास्थ्य मंत्री एन डोरिस के कोरोना पीड़ित होने पर चिंता जताई और उनके जल्दी स्वास्थ्य होने की कामना की।
हाथ न मिला कर नमस्कार करते हैं भारतीय, कोरोना के बाद दुनिया ने इस्तेमाल किया
ये पीएम मोदी की दुनिया भर के शासनाध्यक्षाें के साथ दोस्ती का असर है कि भारतीय परंपरा दुनिया के कोने-कोने में असर दिखा रही है। कोरोना के हमले के बाद अब भारतीय परंपरा का हर देश पालन कर रहा है। नमस्ते का भारतीय स्टाइल कोरोना के हमले के बाद दुनिया भर में इस्तेमाल होने लगा है ताकि संपर्क से बचा जा सके।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मोदी सरकार के कामकाज की तारीफ
WHO की रीजनल डायरेक्टर पूनम खेत्रपाल ने भी मोदी सरकार के कामकाज को सराहते हुए कहा कि यहां जो भी कदम उठाए जा रहे हैं वो सही हैं। कुल मिलाकर पीएम मोदी एक ऐसे ग्लोबल लीडर बन कर उभरे हैं जिनकी तरफ कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सब की नजर है।