नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था के मोर्च से मंगलवार को एक बुरी खबर सामने आई है। ताजा खबरों के अनुसार रुपया 15 महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। एक डॉलर के मुकाबले रुपया 73 रुपये पर पहुंच गया है। इससे पहले यह कीमत 72.41 रुपये थी।
भारतीय रुपये की स्थिति एशिया में सिर्फ पाकिस्तान और दक्षिण कोरिया से बेहतर
बता दें कि इस वक्त भारतीय रुपये की स्थिति एशिया में सिर्फ पाकिस्तान और दक्षिण कोरिया से बेहतर है। 2019 से अब तक रुपये में अब तक दो प्रतिशत से अधिक की गिरावट हुई है। गौरतलब है कि 2018 में एक डॉलर के मुकाबले रुपया 74 रुपये से अधिक था। जानकारों का मानना है कि इसकी वजह गिरती अर्थव्यवस्था और बढ़ती मुद्रास्फीति है। बाजार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि डाॅलर के मजबूत होने से बाजार में दबाव बढ़ने की संभावना है।
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कोरोनावायरस के कहर के बीच शेयर बाजार में तेजी
दुनियाभर के शेयर बाजारों में तेजी के चलते बंबई शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स में मंगलवार को शुरुआती कारोबार के दौरान 500 अंकों से अधिक की बढ़त देखने को मिली है। दुनियाभर के नीति निर्माताओं ने भरोसा दिलाया है कि वे कोरोना वायरस के प्रकोप से आई आर्थिक गिरावट को कम करने के उपाय करेंगे।
जी-7 देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक प्रमुख आज इस महामारी के प्रभाव को कम करने के संबंध में करेंगे बैठक
इससे बाजार की धारणा मजबूत हुई। जी-7 देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक प्रमुख आज इस महामारी के प्रभाव को कम करने के संबंध में एक बैठक करेंगे। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 533.37 अंकों या 1.40 प्रतिशत की तेजी के साथ 38,677.39 अंकों पर कारोबार कर रहा था। इसी तरह एनएसई का निफ्टी 179.75 अंकों या 1.61 प्रतिशत की बढ़त के साथ 11,312.50 पर पहुंच गया।