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आधार को वोटर लिस्ट से जोड़ने का नियम जल्द होगा लागू, मुख्य निर्वाचन आयोग ने दी जानकारी

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नई दिल्ली। मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा (chief election commissioner Susheel Chandra) ने कहा कि सरकार आधार कार्ड (Aadhar Card) को मतदाता सूची (Voter List) से जोड़ने पर नियम जल्द ही जारी कर सकती है। उन्होंने कहा कि मतदाताओं के लिए आधार की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा लेकिन ऐसा न करने वाले लोगों को ‘‘पर्याप्त वजहें” बतानी होगी।

चंद्रा (Susheel Chandra) ने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने उन पांच राज्यों में टीकाकरण अभियान में तेजी लाने में अहम भूमिका निभायी, जहां इस साल मार्च में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए ऐसा किया गया ताकि मतदाता और चुनाव ड्यूटी में शामिल लोग कोरोना वायरस से सुरक्षित रंहे। चंद्रा ( susheel chandra) शनिवार की शाम को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

पंजीकरण के लिए एक साल में चार तिथियां मिलेगी : सुशील चंद्रा (Susheel Chandra)

उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि बतौर सीईसी उनके कार्यकाल में जो दो प्रमुख चुनावी सुधार हुए, उनमें 18 साल की आयु वाले मतदाताओं को पंजीकरण कराने के लिए एक के बजाय साल में चार तारीख उपलब्ध कराने का प्रावधान और मतदाता सूची में नकली प्रविष्टियों पर लगाम लगाने के लिए आधार कार्ड को मतदाता सूची से जोड़ना शामिल है। चंद्रा ने कहा, ‘‘पहले हर साल एक जनवरी कट-ऑफ तारीख होती थी।

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हमने सरकार को आश्वस्त किया कि यह सुधार बहुत आवश्यक है और इन लोगों का जल्द से जल्द पंजीकरण होना चाहिए क्योंकि वे 18 साल के हो गए हैं। इस सुधार के साथ अब उन लोगों को पंजीकरण के लिए एक साल में चार तिथियां मिलेगी जिनकी उम्र 18 साल हो गई है। यह सुधार पिछले 20 वर्षों से लंबित था।” अभी तक एक जनवरी को या उससे पहले 18 साल के होने वाले लोग मतदाता के तौर पर पंजीकरण करा सकते थे।

आधार को मतदाता सूची से जोड़ना : सुशील चंद्रा (susheel chandra)

इससे, दो जनवरी को या उसके बाद 18 साल के होने वाले लोगों को मतदाता के तौर पर पंजीकरण कराने के लिए एक साल इंतजार करना पड़ता था। लेकिन अब एक बार नियम जारी हो जाने के बाद युवा लोग हर साल चार अलग-अलग तारीखों पर मतदाताओं के तौर पर पंजीकरण करा सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘दूसरा सबसे बड़ा सुधार आधार को मतदाता सूची से जोड़ना है ताकि नकली प्रविष्टियों पर रोक लगायी जा सके। इससे मतदाता सूची साफ-सुथरी हो जाएगी तथा और अधिक मजबूत बनेगी।”

यह पूछने पर कि सरकार कब नियमों को अधिसूचित करेगी, चंद्रा ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि बहुत जल्द…. क्योंकि हमने इस संबंध में पहले ही प्रस्ताव का मसौदा भेज दिया है। हमने फॉर्म भी भेज दिए हैं जिनमें बदलाव होने हैं और ये विधि मंत्रालय के पास हैं। मुझे लगता है कि बहुत जल्द इन्हें मंजूरी मिल जाएगी। हमने भी अपनी आईटी प्रणाली मजबूत की है।”

क्या आधार की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा

यह पूछने पर कि क्या आधार की जानकारियां साझा करना स्वैच्छिक होगा, उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘‘यह स्वैच्छिक होगा। लेकिन मतदाताओं को अपना आधार नंबर न देने के लिए पर्याप्त वजह बतानी होगी। इस वजह में, आधार न होना या उसके लिए आवेदन न करना या कोई अन्य वजह हो सकती है।”

चंद्रा का मानना है कि आधार नंबर साझा करने से मतदाता सूची को त्रुटि-रहित बनाने में मदद मिलेगी। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि चुनाव आयोग अपनी संचार प्रणाली के जरिए मतदाताओं को अधिक सेवाएं मुहैया कराए। बतौर सीईसी सबसे बड़ी चुनौती के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि सबसे ‘‘मुश्किल” चुनौती कोविड-19 के दौरान पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने और विभिन्न उपचुनाव कराने की थी। उन्होंने कहा, ‘‘क्योंकि जब चुनावों का समय नजदीक आ रहा था तो हमने उस वक्त कभी नहीं सोचा था कि कोविड के मामले बढ़ने लगेंगे। अचानक हमें कोरोना वायरस के नए स्वरूप ओमीक्रोन का पता चला।

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