लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मार्च से जून 2024 के बीच सबसे अधिक हीट वेव (Heat Wave) दर्ज किए गए, जो पिछले 12 वर्षों में सर्वाधिक हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने इस वर्ष गर्मी के मौसम में पहले से ही सभी विभागों को सतर्क करते हुए हीट वेव (Heat Wave) एक्शन प्लान को लागू करने के निर्देश दिए हैं। मौसम विभाग के अनुसार इस बार अप्रैल से मई के मध्य तक तापमान सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान है। जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य, नगर निकाय, श्रम, पशुपालन और ग्रामीण विकास विभागों के साथ तालमेल बनाकर बहुस्तरीय रणनीति तैयार की है। इसके अंतर्गत मुख्य रूप से श्रमिकों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा। इसके साथ ही सड़कों पर पानी का छिड़काव, पार्कों और कार्यस्थलों पर छाया की व्यवस्था, पशुओं की सुरक्षा हेतु आश्रय और दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जा रही है।
एक्शन प्लान के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत परखी जाएगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी संबंधित विभागों और जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में एक्शन प्लान का सख्ती से पालन कराएं। आश्रय स्थलों के संचालन, पेयजल आपूर्ति और जागरूकता कार्यक्रमों में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम योगी का कहना है कि प्रदेश के लोग और उनके पशु हीट वेव (Heat Wave) के खतरे से सुरक्षित रहें। साथ ही इस एक्शन प्लान के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत परखी जाए और जिलेवार तैयारियों और सरकारी दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
रूटीन हेल्थ चेकअप की होगी पूरी व्यवस्था
राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से श्रमिकों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्णय लिया है। हीट वेव (Heat Wave) के दौरान श्रमिकों में थकावट, डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं आम होती हैं। इससे बचाव के लिए औद्योगिक और निर्माण स्थलों पर भी रूटीन चेकअप की व्यवस्था की जाएगी।
दिन-प्रतिदिन हालात का जायजा लेंगी निगरानी टीमें
हीट वेव (Heat Wave) से बचने के लिए खुले पार्कों, सड़कों और कार्य स्थलों पर छाया की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही गर्मी से जुड़ी बीमारियों पर फोकस किया जाएगा।
प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। जहां हीट स्ट्रोक, लू, डिहाइड्रेशन जैसे लक्षणों की पहचान और प्राथमिक उपचार की जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा निगरानी टीमों का गठन भी किया जाएगा। जो दिन-प्रतिदिन हालात का जायजा लेंगी।