म्यांमार के रोहिग्यों को बांग्लादेश बार्डर से अवैध तरीके से यूपी में प्रवेश कराने के आरोप में गिरफ्तार किये गये दो रोहिंग्या भाईयों की मां हमीदा खातून से यूपी एटीएस ने पूछताछ की है। हालांकि मानवीय आधार पर हमीदा की गिरफ्तारी नहीं की गयी है। एटीएस के अधिकारी की माने तो वृद्ध हमीदा को उसके बेटे यहां लाए थे, उसका इसमें कोई षड़यंत्र नहीं है। उसे कुछ नहीं मालूम था, बेटे अपनी मां को जहां ले जाएंगे वह वहां उसके साथ चली जाएगी। फिलहाल हमीदा और उसके बेटों की पत्नी और उनके बच्चों को वापस म्यामांर, जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा यूपी एटीएस दोनों रोहिंग्या नागरिकों के दामाद जुबैर की भी तलाश कर रही है। वह अलीगढ़ में रहा था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह फरार हो गया है। उसने भी फर्जी तरीके से कई दस्तावेज तैयार कर लिए थे।
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यूपी एटीएस ने शनिवार की रात दो सगे रोहिंग्या नागरिकों को उन्नाव और अलीगढ़ से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ कि कि वे रोहिंग्यों के फर्जी दस्तावेज तैरार कराकर उनको यहां स्थापित कराते थे और उसके बाद विभिन्न मीट फैक्टरियों में मजदूर के रूप में रोजगार दिलाते थे। पूछताछ के बाद यूपी एटीएस इनके कई और साथियों की तलाश में जुटी है। पकड़े गये दोनों आरोपी मानव तस्करी में लिप्त थे और भारत में बांग्लादेश बॉर्डर से अवैध तरीके से लोगों को लाकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में शरण दिलाते थे।
इस मामले में फारुख उर्फ हसन और उसके भाई शाहिद को गिरफ्तार किया गया था। फारुख को उन्नाव के कासिम नगर से पकड़ा गया। यह दोनों रोहिंग्या लोगों को अवैध तरीके से लाते थे। इसके बाद उन्नाव व कानपुर की तमाम फैक्ट्रियों में काम दिलाते थे।
इनके पास से आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट कई अन्य दस्तावेजों के साथ पांच लाख रुपए भी बरामद हुए थे। पूछताछ में आरोपियों से खुलासा हुआ कि इनके सम्पर्क में करीब 1500-1600 रोहिंग्या हैं। गौरतलब है के तेलंगाना के हैदराबाद शहर से हिरासत में लिए गए युवक से मिले इनपुट के आधार एटीएस दोनोंं आरोपियों के पास तक पहुंची थी। फारुख करीब पांच महीने से उन्नाव के कासिम नगर में किराये के मकान में पत्नी व चार बच्चों के साथ रह रह था।
दोनों आरोपियों के पास से इंडिगो फ्लाइट की टिकट समेत अन्य कई दस्तावेज मिले थे। आरोपी फारूख ने पूछताछ में खुलासा किया था कि वह उसका भाई म्यांमार से बांग्लादेश के रास्ते यूपी में आये थे। उसके बाद उन लोगों यहां फर्जी दस्तावेज तैयार कराये और वह उन्नाव में और भाई शाहिद अलीगढ़ में रहने लगा। उसकी मां हमीदा भाई शाहिद के साथ अलीगढ़ में रहने लगी थी। इसके साथ उसका दामाद जुबैर भी अलीगढ़ में रह रहा था।