लखनऊ। एक बार फिर धरती के देवता कहे जाने वाले एक तथाकथित चिकित्सक ने मनवता को शर्मसार करने का काम किया है। विकास स्थित रिदा हाॅस्पिटल में बीते 17 नवम्बर 2019 को 68 वर्षीय सावित्री शुक्ला को भर्ती कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक की लापरवाही के चलते यह मौत हुई है। परिजनों का आरोप है कि हाॅस्पिटल प्रशासन ने सिर्फ जांच की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया है।
रिदा हाॅस्पिटल में बीते 17 नवम्बर 2019 को 68 वर्षीय सावित्री शुक्ला को भर्ती कराया
बता दें कि रिदा हाॅस्पिटल में 17 नवम्बर को अलीगंज शेखूपुरा निवासी अतुल शुक्ला अपनी मां सावित्री शुक्ला को कमजोरी की शिकायत होने के बाद भर्ती कराया था। परिजनों का आरोप है कि हाॅस्पिटल के मालिक व चिकित्सक ने अनाप-शनाप खर्च बढ़ाने की नीयत से गलत इलाज किया है। अतुल शुक्ला ने बताया कि रात्रि में करीब 2 बजे जब मां की तबीयत बिगड़ने लगी तो हाॅस्पिटल के मालिक व वहां मौजूद चिकित्सक से निवेदन किया कि मरीज को देख लें, लेकिन अपनी लापरवाही व नींद के आगे एक जान चिकित्सक को बहुत सस्ती नजर आई। इसी कारण मरीज की हालत खराब होने तक वह वहां नहीं पहुंचे। चिकित्सक आखिर में नर्सिंग स्टाॅफ द्वारा बुलाये जाने पर आकर सिर्फ नब्ज टटोलने के साथ ही तुरंत मरीज को ट्रामा ले जाने की हिदायत देकर चलते बने। हाॅस्पिटल में एंबुलेंस की व्यवस्था न होने के कारण तीमारदार उन्हें हाथ में उठाकर बुजुर्ग महिला को निकटतम नीरा हाॅस्पिटल लेकर गये, जहां तुरंत ही डाक्टर ने देखने के साथ ही महिला को मृत घोषित कर दिया।
इस पूरे मामले पर रोष में आये परिजनों ने पहले तो अंतिम संस्कार व तमाम प्रक्रियाओं को पूर्ण किया। इसके दो दिन बाद ही आरोपी हाॅस्पिटल संचालक के खिलाफ एसपी ट्रांसगोमती के यहां लिखित तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने एवं जांच की मांग की। परिजनों का आरोप है कि मामला मुख्य चिकित्सा अधिकारी, लखनऊ के पास भेजा गया जहां एक महीने से अधिक समय हो जाने के बावजूद अब तक प्रथम दृष्टया नियम कानून की धज्जियां उडाने वाले चिकित्सक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
जबकि इस मामले की जांच अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज यादव को सौंपी गई है। इस बारे में लखनऊ के सीएमओ डॉ. नरेंद्र अग्रवाल ने बताया कि जांच रिपोर्ट मिल गई है। जांच रिपोर्ट की विशेषज्ञ से जांच कराने के बाद हाॅस्पिटल प्रशासन के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाएगी।