सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर पूर्व रिटायर आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर ने खुलासा करते हुए उनपर गंभीर आरोप लगाए हैं। ठाकुर ने लिखा-योगी आदित्यनाथ मुझसे यूं ही नाराज नहीं हैं, 2007 में उनके संसद में रुदन कांड के समय मैं महाराजगंज में एसपी था। अमिताभ ने आगे लिखा- मैने शासन के आदेश से उनके खिलाफ परुखिया मर्डर केस में जांच शुरु की, योगी के खिलाफ सबूत भी थे लेकिन मेरा ट्रांसफर हो गया।
पूर्व अधिकारी के ट्वीट पर तमाम कमेंट आए, एक यूजर ने लिखा, ये बात तो आपको तुरंत बोलनी चाहिए थी लेकिन आज बोल रहे हैं। बता दें कि ठाकुर को यूपी शासन के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी के आदेश के मुताबिक उन्हें ड्यूटी पूरी होने से पहले ही सेवामुक्त कर दिया गया।
योगी आदित्यनाथ मुझसे यूँ ही नाराज़ नहीं हैं. 2007 में उनके संसद में रुदन कांड के समय मैं SP महाराजगंज था जब मैंने शासन के आदेश से उनके खिलाफ पचरुखिया मर्डर केस में जाँच शुरू की थी, जिसमे उनके खिलाफ ठोस प्रमाण थे. मेरा ट्रान्सफर हुआ और उसके साथ ही जाँच बंद.
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) July 24, 2021
इतना ही नहीं अमिताभ ठाकुर ने आगे कहा कि जब उन्होंने पहली बार योगी आदित्यनाथ को देखा था जब वे अराजकता फैलाने का काम कर रहे थे। पूर्व नौकरशाह ने कहा कि आज कानून के राज की बात करने वाले योगी आदित्यनाथ को मैंने पहली बार 1995 में गोरखपुर में तब देखा था जब वे एक ट्रेन हादसे के साईट पर पूर्णतया औचित्यहीन अराजकता फैला रहे थे। और तत्कालीन SP City ने उचित बल प्रयोग कर उन पर काबू किया था।
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अमिताभ ठाकुर के इस सनसनीखेज दावे के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। सोशल मीडिया पर लोग योगी आदित्यनाथ पर निशाना बनाने लगे। लेकिन साथ ही अमिताभ ठाकुर को भी निशाने पर लिया गया। अमिताभ ठाकुर पर सोशल मीडिया यूजर्स यह कहकर निशाना साध रहे हैं कि जब योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत थे, तब उन्होंने उस समय यह बात सार्वजनिक क्यों नहीं की? सोशल मीडिया पर एक धड़ा अमिताभ ठाकुर पर मनगढ़ंत दावे करने का भी आरोप लगा रहा है।