नई दिल्ली। केंद्र सरकार को अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर दोहरा झटका लगा है। जहां एक तरफ मुद्रास्फीति बढ़ी है। तो वहीं ओद्यौगिक उत्पादन भी घटा है। खाद्य पदार्थों के दाम चढ़ने से नवंबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर 5.54 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह इसका तीन साल का उच्चस्तर है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति इसी साल अक्टूबर में 4.62 प्रतिशत और नवंबर, 2018 में 2.33 प्रतिशत रही थी।
खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 10.01 प्रतिशत पर पहुंच गई
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार माह के दौरान खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 10.01 प्रतिशत पर पहुंच गई। अक्टूबर में यह 7.89 प्रतिशत तथा एक साल पहले इसी महीने में 2.61 प्रतिशत थी। इससे पहले जुलाई, 2016 में खुदरा मुद्रास्फीति 6.07 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
खेल-खेल में बच्चों ने सीखा शिक्षा स्वास्थ्य सुरक्षा का अधिकार
देश का औद्योगिक उत्पादन भी घटा
वहीं, सरकारी आंकड़ों के अनुसार अक्टूबर महीने में औद्योगिक उत्पादन 2.1 प्रतिशत घटा है। जबकि एक साल पहले इसी महीने में औद्योगिक उत्पादन 8.4 प्रतिशत बढ़ा था। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक के रूप में मापा जाता है। विनिर्माण क्षेत्र में नरमी दर्ज की गई है। इसमें अक्टूबर महीने में 2.1 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि एक साल पहले इसी महीने में 8.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
आंकड़े के अनुसार बिजली उत्पादन में अक्टूबर 2019 में तीव्र 12.2 प्रतिशत की गिरावट आई जबकि पिछले साल इसी महीने इसमें 10.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। खनन उत्पादन भी आलोच्य महीने में 8 प्रतिशत गिरा जबकि पिछले वित्त वर्ष के इसी महीने में इसमें 7.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।