नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब तक आंकड़ा 74 लाख पार कर चुका है। तो वहीं देश में कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या भी एक लाख से ज्यादा है। इसी बीच कोरोना वायरस के दवा के रूप में बनाई जाने वाली एक खास दवा में काली मिर्च का प्रयोग किए जाने का खुलासा हुआ है।
black pepper में पाए जाने वाला पेपराइन तत्व से खत्म किया जा सकता है कोरोना वायरस
इस बारे में भारतीय शोधकर्ताओं की एक टीम ने दावा किया है कि काली मिर्च (black pepper) में पाए जाने वाला पेपराइन तत्व से कोरोना वायरस खत्म किया जा सकता है। जो कोरोना वायरस की बीमारी का कारण है।
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (धनबाद) के डिपार्टमेंट ऑफ फिजिक्स के शोधकर्ताओं ने इस बारे में एक स्टडी में यह दावा किया है। प्रमुख शोधकर्ता ने बताया है कि ‘किसी भी अन्य वायरस की तरह कोरोना वायरस मानव शरीर के सेल्स में दाखिल होने के लिए बॉडी सरफेस के प्रोटीन का इस्तेमाल करता है। हमने काली मिर्च (black pepper) से जिस तत्व की खोज की है वो इस प्रोटीन को बांध कर रखेगा और कोरोना वायरस को मानव शरीर में प्रवेश करने से रोकेगा।
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इस शोध में वैज्ञानिकों ने कंप्यूटर की अत्याधुनिक मॉलिक्यूलर डॉकिंग और मॉलिक्यूलर डायनेमिक्स सिमुलेशन तकनीक का इस्तेमाल किया था। कंप्यूटर की मदद से ही वायरस को रोकने वाले संभावित तत्वों की पहचान हो सकी।
शोधकर्ताओं ने बताया कि इसके लिए रसोई के सामान्य मसालों में मौजूद 30 अणुओं का प्रयोग किया गया। उनमें छिपे औषधीय गुणों का पता लगाया गया। स्टडी के एक्सपर्ट ने इससे पाया कि काली मिर्च में तीखेपन की वजह वाला तत्व एक एल्कोलॉयड जिसे पेपराइन कहा जाता है। वह कोरोना वायरस का मजबूती से सामना कर सकता है।
‘इंडियन साइंस वायर’ के हवाले से बोलते हुए शोधकर्ता ने कहा, ‘ये परिणाम काफी उम्मीद भरे
‘इंडियन साइंस वायर’ के हवाले से बोलते हुए शोधकर्ता ने कहा, ‘ये परिणाम काफी उम्मीद भरे हैं। इस स्टडी से उम्मीद बढ़ी है। हालांकि अधिक पुष्टि के लिए लैब में इस पर ज्यादा शोध किए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इसके लिए ओडिशा की एक बायोटेक कंपनी IMGENEX India Pvt Ltd के डायरेक्टर ऑफ बायोलॉजिक्स अशोक कुमार की मदद ली जा रही है। उनकी लैब में इस खास तत्व पर परीक्षण किया जा रहा है।