गोवर्धन तहसील के निकट स्थित महमूदपुर गांव का नाम अब आधिकारिक तौर पर बदलकर परासौली कर दिया गया है। यह गांव महाकवि सूरदास की कर्मस्थली के रूप में विख्यात है। सूरदास ब्रज रासस्थली विकास समिति परासौली मथुरा पिछले चार दशक से गांव का नाम बदलने की मांग कर रही थी।
उत्तर प्रदेश के राजस्व विभाग ने 24 मार्च को इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी। अधिसूचना की प्रतिलिपि मिलने पर सूरदास स्मारक समिति के सचिव हरिबाबू कौशिक ने बताया कि उन्होंने 1982 से परासौली गांव का नामकरण महमूदपुर से परासौली कराने के लिए राज्य के सभी मुख्यमंत्रियों से मांग की।
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उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2018 में इस मांग पर कार्यवाही शुरू की और भारत सरकार के भी सभी संबंधित विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर 24 मार्च को राज्यपाल की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई।
कौशिक ने बताया कि असल में इस गांव का नाम ऋषि पाराशर की जन्मस्थली होने के कारण परासौली पड़ा था। इसके बाद महाकवि सूरदास की कर्मस्थली के रूप में विख्यात होने के बाद यह गांव साहित्य एवं संस्कृति की दृष्टि से और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया। उन्होंने कहा कि इस गांव का दुर्भाज्ञ यह रहा कि मुगल काल में इसका नाम बदलकर महमूदपुर कर दिया गया।