बिजनेस डेस्क। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज जियो के दूरसंचार टावर संपदा को कनाडा की ब्रुकफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी से 25,215 करोड़ रुपये में बेच रही हैं। आरआईएल ने कहा कि उसकी इकाई रिलायंस इंडस्ट्रियल इन्वेस्टमेंट्स एंड होल्डिंग्स ने टावर कारोबार बेचने के लिए ब्रुकफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स एलपी और उसके साझेदारों के साथ बाध्यकारी समझौते किए हैं। इस प्रकार ब्रुकफील्ड, टावर कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी।
इस सौदे के तहत टाटा टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट की प्रायोजक कंपनी आरआईएचएल द्वारा ट्रस्ट की यूनिट ब्रुकफील्ड से संबद्ध बीआईएफ 4 जैर्विस इंडिया और कुछ सह-निवेशकों को जारी की जाएंगी। इस सौदे के पूरे होने के बाद कनाडा की वैकल्पिक संपत्ति प्रबंधक ब्रुकफील्ड और उसकी भागीदार कंपनियां ट्रस्ट की प्रायोजक बन जाएंगी।
उसके पास 1,30,000 टावरों के साथ भारत की सबसे बड़ी दूरसंचार टावर कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी होगी, जबकि आरआईएल की सहायक कंपनी इसकी सह-प्रायोजक बन जाएगी लेकिन उसके बाद कोई यूनिट नहीं होगी। यह एक भारतीय बुनियादी ढांचा इकाई में सबसे बड़ा विदेशी निवेश होगा।
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कंपनी ने एक बयान में कहा कि आरआईएचएल ने ‘ब्रुकफील्ड इन्फ्रास्ट्रक्चर पार्टनर्स और उसके साझेदारों के साथ 25,215 करोड़ रुपये के निवेश के लिए बाध्यकारी समझौते किए हैं, जो टावर इन्फ्रास्ट्रक्चर ट्रस्ट द्वारा जारी यूनिट्स में किया जाएगा।’
देनदारियां चुकाएगी रिलायंस जियो
ब्रुकफील्ड के निवेश से मिली धनराशि और दीर्घकालिक कर्जों को आरआईएल द्वारा दिए गए कर्ज के साथ ही रिलायंस जियो इन्फ्राटेल प्रा. लि. (आरजेआईपीएल) की मौजूदा वित्तीय देनदारियों को चुकाने में इस्तेमाल किया जाएगा। उस पर आरआईएल का 12 हजार करोड़ रुपये का कर्ज है। बयान में कहा गया, ‘सौदा पूरा होने के बाद ट्रस्ट के पास रिलायस जियो इन्फ्राटेल की 100 फीसदी निर्गम और चुकता शेयर पूंजी होगी।