कोरोना संकट के बीच मोदी सरकार द्वारा एक दिन में 88 लाख लोगों को वैक्सीन लगाए जाने पर पी. चिदंबरम ने सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा- रविवार को जमाखोरी, सोमवार को टीका लगाएं और मंगलवार को लंगड़ाकर वापस लौट जाएं, टीकाकरण के विश्व रिकॉर्ड का यही रहस्य है। चिदंबरम ने इसे रिकॉर्ड मानने के बजाय करतब करार दिया, कहा-मुझे यकीन है कि इसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह मिलेगी।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा- मोदी है तो मुमकिन है को अब मोदी है तो मिरैकल है पढ़ा जाना चाहिए, हो सकता है मोदी को औषधि का नोबल मिल जाए। इस रिकॉर्ड में मध्य प्रदेश में 15 लाख से अधिक टीके लगे, लेकिन उसके अगले ही दिन यह संख्या 20 हजार पर आकर सिमट गई।
कोरोना के टीकाकरण पर विपक्ष इसलिए सवाल उठा रहा है क्योंकि देश में वैक्सीनेशन का जो रिकॉर्ड बना उसमें एमपी नंबर वन रहा लेकिन वही मध्य प्रदेश वैक्सीनेशन के सरकारी आंकड़ों में कमजोर दिख रहा है। 21 जून को मध्यप्रदेश में जहां करीब 17 लाख टीके लगे तो वहीं 20 जून को सिर्फ 692 टीके ही लगे। मध्य प्रदेश के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री ने इसे तकनीकि खामी बताया है।
राजधानी दिल्ली में कोविड के टीकों की उपलब्धता को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच मंगलवार को जुबानी जंग छिड़ गई। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केजरीवाल सरकार पर टीके होते हुए भी कम टीकाकरण का आरोप लगाया। वहीं दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पुरी पर निशाना साधा और उनसे केजरीवाल को गाली देने के बजाय दिल्ली को टीके की पर्याप्त खुराकें मुहैया कराने को कहा।
देश भर में टीकाकरण के आंकड़े सोमवार के रिकॉर्ड 88 लाख के बाद मंगलवार को घटकर 54.22 लाख हो गए, जिससे यह सवाल उठने लगे कि क्या एक दिन में टीकाकरण का रिकॉर्ड बनाना महज वैक्सीन मैनेजमेंट था।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने कहा, ‘ भारत में मंगलवार को 54.22 लाख टीकाकरण हुआ, यह कांग्रेस शासित राज्य हैं जो टीकाकरण को लंगड़ा कर रहे हैं और भारत को नीचे खींच रहे हैं, इसलिए पंजाब, राजस्थान, झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में अपने सहयोगियों और सहयोगियों के लिए तिरस्कार और उपहास रखें, हमें बख्श दें।’