उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तैयारियां शुरु हो गई हैं, बसपा ने भी राम मंदिर के मुद्दे से खुद को अलग नहीं कर पाई। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने राम मंदिर शिलान्यास को अशुभ घड़ी में माना, कहा- इसीलिए एक साल बाद भी नींव का काम पूरा नहीं हो सका। इस अनुष्ठान की तिथि और समय को लेकर भी काफ़ी बहस चल रही है, हालांकि शिलान्यास का मुहूर्त आचार्य गणेश्वर राज राजेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला है जिन्हें ज्योतिष का प्रख्यात विद्वान माना जाता है, वे काशी के राजघराने के गुरुपरिवार का हिस्सा भी हैं।
उन्होंने कहा- जिस वक्त भाजपा नींव की बात कर रही थी उस वक्त साधु-संत उसे गलत बता रहे थे लेकिन भाजपा ये बात मानने को तैयार नहीं हुई। सतीश मिश्र ने कहा- मंदिर बनाने की इच्छा भाजपा के भीतर नहीं है, 2022 में हमारी सरकार आएगी तो हम भव्य राम मंदिर का निर्माण करवाएंगे। पार्टी की बागडोर किसके हाथ जाएगी के सवाल पर उन्होंने कहा- ये सब पार्टी के भीतर की बात है, बागडोर थमाने का वक्त आएगा तो बताया जाएगा।
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वैसे तो भूमि पूजन का अनुष्ठान राखी के दिन से ही शुरू हो जाएगा लेकिन आधारशिला रखने के लिए जो मुहूर्त निकाला गया है वो 5 अगस्त का है वो भी दोपहर के 12.15.15से लेकर 12.15.47 के बीच। मुहूर्त पर विवाद भी शुरू हो गया है क्योंकि आचार्य द्रविड़ ने शिलान्यास के लिए जो मुहूर्त निकाला है उसका विरोध ज्योतिष्पीठाधीश्वर और द्वारका शारदापीठाधीश्वर जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने किया है। एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए उनका कहना था कि मंदिर का निर्माण ‘ठीक ढंग से होना चाहिए और और ‘आधारशिला भी सही समय पर रखी जानी चाहि। .’