बलिया। राष्ट्रीय किसान संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने पूर्वांचल के बागी बलिया की धरती पर हुई महापंचायत से कृषि कानूनों के विरोध में हुंकार भरी। महापंचायत में विविध रंग भी दिखाई दिए। इस दौरान कोई पूर्वी उत्तर प्रदेश और विशेषकर बिहार की पहचान प्रिय भोज्य पदार्थ बाटी की माला पहनकर तो कोई हल का प्रतीक लेकर आया।
महापंचायत में राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) भी केंद्र सरकार पर हमलावर नजर आए। राकेश टिकैत ने (Rakesh Tikait) कहा कि कोलकाता में बड़ी लड़ाई होगी। हम वहां के किसानों के बीच जाएंगे और कृषि कानून की खामियों की जानकारी देंगे, किसानों से आंदोलन के लिए समर्थन मागेंगे।
हालांकि उन्होंने (Rakesh Tikait) किसी भी पार्टी के समर्थन या खुद चुनाव लड़ने की संभावनाओं को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि उन्हें सिर्फ आंदोलन करना है, चुनाव नहीं लड़ना, किसानों को न्याय दिलाना है और इसके लिए यदि पूरे साल आंदोलन करना पड़े तो भी वे पीछे नहीं हटेंगे।
भाजपा सांसद के बेटे की गिरफ्तारी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक
चेतन किशोर मैदान में आयोजित किसान मजदूर महापंचायत में संबोधन और पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि वे 13 को पश्चिम बंगाल जा रहे हैं। सवाल उठाए जा रहे हैं कि आप को चुनाव नहीं लड़ना या राजनीतिक दलों से नहीं जुड़ना तो वहां क्यों जा रहे हैं, इसका जवाब यही है कि हम चुनाव में भाग लेने या किसी का समर्थन-विरोध करने नहीं जा रहे।
हम वहां किसानों से अपने आंदोलन के लिए समर्थन मांगने जा रहे हैं और उन्हें यह भी बताने जा रहे हैं कि कृषि कानूनों से उन्हें क्या-क्या नुकसान होने जा रहा है। अब यदि इसका कोई और मतलब निकाला जा रहा है तो निकाला जाए, हमें इससे मतलब नहीं है। राकेश टिकैत ने कहा कि हमने किसानों को न्याय दिलाने के लिए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने का निर्णय लिया है, हम किसी मोर्चा में शामिल नहीं हैं।