देहरादून। उत्तराखंड में बारिश, भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के चलते प्रदेश के कई इलाकों में तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। राज्य के कई हिस्सों में आई इस प्राकृतिक आपदा में मरने वालों का आंकड़ा 47 तक पहुंच गया है। अकेले नैनीताल में 25 लोगों की मौत हुई है। कुमाऊं और गढ़वाल इलाकों को मिलाकर 42 लोगों की जान गई है।
वहीं अब भी कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। हालांकि प्रशासन मुस्तैदी से हालातों पर नजर बनाए हुए है। रेस्क्यू ऑपरेशन भी जारी है। खुद पीएम मोदी ने राहत और बचाव कार्य जारी रहने की बात कही है। वहीं सीएम पुष्कर धामी ने भी इलाकों का दौरा किया।
सीएम धामी ने की मुआवजे की घोषणा
अब सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने मृतकों के परिजन को 4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की है। वहीं इस बारिश में जिन लोगों के आशियाने छिन गए हैं उन्हें 1.9 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है। वहीं जिनके मवेशियों की मौत हुई है उन्हें भी उचित सहायता प्रदान करने का सीएम धामी ने आश्वासन दिया है।
प्रधानमंत्री ने जताया दुख
I am anguished by the loss of lives due to heavy rainfall in parts of Uttarakhand. May the injured recover soon. Rescue operations are underway to help those affected. I pray for everyone’s safety and well-being.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 19, 2021
उत्तराखंड में हुई बारिश से हुई तबाही को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर दुख जताया है। उन्होंने लिखा कि उत्तराखंड में हुई भारी बारिश के कारण लोगों की जान जाने से मैं व्यथित हूं। घायलों के जल्द ही ठीक होने की कामना करता हूं। इसके साथ ही उन्होंने लिखा कि प्रभावितों की मदद के लिए बचाव कार्य जारी है। मैं सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता हूं।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपना दिल्ली दौरा रद्द कर अतिवृष्टि प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने प्रभावित इलाकों के हालातों का जायजा लिया। सर्वेक्षण के दौरान सीएम धामी के साथ आपदा प्रबंधन मंत्री डा. धनसिंह रावत और डीजीपी अशोक कुमार भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री धामी की लोगों से अपील
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही चार धाम यात्रियों से फिर अपील करते हुए कहा कि वे मौसम में सुधार होने तक जहां हैं, वहीं रुके रहें। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में लोगों को धैर्य बनाए रखने की जरूरत है।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारी बारिश से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करते हुए प्रशासनिक अधिकारियों को राहत और बचाव कार्य में कोई भी लापरवाही नहीं बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने रुद्रप्रयाग पहुंचकर नुकसान के आंकलन की समीक्षा भी की। इसके साथ ही रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी से जिले की स्थिति और चारधाम यात्रा की जानकारी भी ली है।
राज्य में राहत और बचाव कार्यों में मदद के लिए अब वायुसेना ने मोर्चा संभाला है। भारतीय वायु सेना के तीन हेलीकॉप्टर को लगाया गया। इनमें से दो को नैनीताल जिले में तैनात किया गया है, जो बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं से बुरी तरह प्रभावित हुआ है। जिन स्थानों पर भूस्खलन हुआ है, वहां सड़कों से मलबा हटाने का काम जारी है। वायुसेना के हेलिकॉप्टर ने कोसी नदी में फंसे 12 लोगों को एयरलिफ्ट कर बचाया। वहीं 8 अन्य लोगों को राफ्ट के जरिए नदी से बाहर निकाला गया।
कुमाऊं मंडल में सबसे ज्यादा तबाही
भारी बारिश के कारण सबसे ज्यादा तबाही कुमाऊं मंडल में देखने को मिल रही है। यहां कई लोगों की मौत हो चुकी है। बीते दिनों चारधाम यात्रा को भी अस्थाई रूप से स्थगित कर दिया गया। जानकारी के मुताबिक, कुमाऊं में पानी का स्तर कम हो रहा है लेकिन रास्ते खुलने में अभी वक्त लगेगा। बारिश-बाढ़ के कारण कई इलाकों का संपर्क टूट गया है। बड़ी संख्या में लोग जगह-जगह फंसे हुए हैं। SDRF और NDRF के साथ पुलिस की टीमें भी लोगों के रेस्क्यू में जुटी हैं।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार के अनुसार, हजारों लोगों को अब तक सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है। वहीं, गढ़वाल में हालात कुछ सुधरे हैं। बंद रास्तों को एक बार फिर धीरे-धीरे खोला जा रहा है। चार धाम यात्रा भी जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है।
124 साल के टूटा रिकॉर्ड
गौरतलब है कि मौसम केंद्र ने कुमाऊं अंचल में पिछले 24 घंटों की बारिश ने 124 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस दौरान कुमाऊं के कुछ इलाकों में 500 मिलीमीटर तक रिकॉर्ड बारिश दर्ज की गई।
बता दें कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु समेत देश के अन्य हिस्सों से भी बारिश की खबरें हैं। मौसम ने पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में आज यानी बुधवार तक तेज बारिश का पूर्वानुमान जताया है।